हल्द्वानी
जैसे छोटे से शहर से इंग्लैंड तक का सफर। बिना डिग्री के पिज्जा बनाने के
लिए ढाई लाख रुपये प्रति माह की नौकरी की। 46 सेकेंड में तीन बड़े पिज्जा
बनाने का रिकार्ड।
जी हां, आप चौंक सकते हैं। पिज्जा बनाने की कला में कामयाबी हासिल कर चुके प्रेम सिंह अब इंग्लैंड से लौटकर उत्तराखंड से दिल्ली तक देसी पिज्जा परोसने की तैयारी कर रहे हैं।
इंग्लैंड में सात साल बिताने वाले एनआरआई प्रेम सिंह चार महीने पहले जब उत्तराखंड लौटे तो अपने कॅरियर के शीर्ष पर थे।
दिल्ली में 2400 रुपये प्रति माह की पहली नौकरी करने वाले प्रेम सिंह ने जब ब्रिटेन में अपनी आखिरी नौकरी छोड़ी तब उनकी तनख्वाह ढाई लाख रुपये प्रतिमाह थी। लेकिन उन्होंने इस वेतन को छोड़ उत्तराखंड लौटकर अपना कारोबार करना ज्यादा बेहतर समझा।
12वीं पास प्रेम 1996 में घरवालों की मर्जी के खिलाफ पज्जा बनाने वाली मशहूर फूडचेन डोमीनोज से जुड़े। घरवाले चाहते थे कि वह आर्मी अफसर बनें, लेकिन पिज्जा खाने से अधिक बनाने की लगन रखने वाले प्रेम ने अपने ही रास्ते पर चलने का निर्णय लिया।
प्रेम जब डोमीनोज से जुड़े थे तो उनके पास न कोई डिग्री थी और न डिप्लोमा। उन्होंने इटैलियन फूड पिज्जा के नाम के अलावा कुछ नहीं सुना था, लेकिन 2006 तक दस साल के सफर में उन्होंने पिज्जा बनाने की ऐसी कला सीखी कि 2011 में डोमीनोज की प्रतियोगिता में यूरोप के फास्टेस्ट पिज्जा मेकर बने।
प्रेम के नाम 46 सेकेंड में तीन बड़े पिज्जा बनाने का रिकार्ड है। वह 1998 में एशिया के फास्टेस्ट पिज्जा मेकर भी रहे हैं। इस साल मार्च तक प्रेम डोमीनोज से जुड़े रहे। उत्तराखंड में कारोबार के लिए उन्होंने इंग्लैंड से ही तैयारी शुरू कर दी थी।
पिज्जा बाइट नाम से उद्यम खोलने में पार्टनर मयंक महाजन और भाई संजीव सिंह ने प्रेम का साथ दिया। हालांकि, प्रेम ने अपने दम पर रुद्रपुर में रेड चीलीज (चाइनीज फूड) और हल्द्वानी में ग्रीन चीलीज (स्ट्रीट फूड) के नाम से उद्यम भी लगाए हैं। इन उद्यमों में वह 120 लोगों को रोजगार दे रहे हैं।
यहां हैं प्रेम की पिज्जा बाइट
काठगोदाम, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, रामनगर, पलवल और किच्छा। अब दिल्ली और पिथौरागढ़ में भी उद्यम लगाने की योजना है।
इटली वालों का परांठा है पिज्जा
जो पिज्जा हम खाते हैं दरअसल वह इटली वालों का परांठा है। इसे तैयार करने के लिए डो (मैदे की रोटी), मोजरीला चीज और वेज या नॉनवेज की आवश्यकता होती है।
खास है बाइट का पिज्जा
प्रेम सिंह का दावा है कि उनके बनाए पिज्जे में कई खासियतें हैं। पिज्जा बाइट में इस्तेमाल होेने वाला डो ताजा होता है और इसे ग्राहक के सामने तैयार किया जाता है। इसके अलावा इसकी कीमतें निम्न और मध्य आय वर्ग के लोगों के बजट में होती हैं।
(साभार अमर उजाला-हल्द्वानी/राजीव पांडे |)
बहुत ही खूब .................
ReplyDeleteऔर भी जाने ....उत्तराखंड के बारे में ........
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