ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री प्रीतम सिंह ने शासन व निदेशालय स्तर के अधिकारियों को युवाओं के हित को देखते हुए 23 सितम्बर को होने वाली नायब तहसीलदार और ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षाएं स्थगित करने के मौखिक निर्देश दिए हैं।
उन्होंने अधिकारियों को इस बाबत समुचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को राज्य निर्माण आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा नेता रवींद्र जुगरान के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे को लेकर ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री प्रीतम सिंह से मुलाकात की और प्रदेश के युवाओं के भविष्य को देखते हुए राज्य स्तर की नायब तहसीलदार और ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा स्थगित करने की मांग की। इस पर ग्राम विकास एवं पंचायती राज मंत्री प्रीतम सिंह ने इस बाबत निर्देश दिए। गौरतलब है कि आगामी 23 सितम्बर को एक साथ पांच प्रतियोगी परीक्षाएं पड़ रही हैं, जिससे प्रदेश के युवा असमंजस में हैं क्योंकि अगर उनकी तिथि नहीं बदली गई तो प्रदेश के लाखों बेरोजगार परीक्षाओं से वंचित हो जाएंगे। दरअसल 23 को उत्तराखंड राज्य लोक सेवा आयोग की ओर से नायब तहसीलदार और ग्राम विकास अधिकारी की परीक्षा आयोजित होनी है। इसी तरह 23 सितम्बर को ही अखिल भारतीय स्तर की तीन परीक्षाएं भी होनी है। इनमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की अखिल भारतीय स्तर की इंटेलीजेंस ब्यूरो, सीमा सुरक्षा बल में रेडियो ऑपरेटरों की भर्ती परीक्षा और संघ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित हो रही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में सहायक आयुक्त अधिकारी भर्ती की परीक्षा भी है। रविंद्र जुगरान ने ग्राम विकास एवं पंचायत राज मंत्री से कहा कि आपदा के चलते पहले भी नायब तहसीलदार की परीक्षा स्थगित की जा चुकी है। चूंकि ये दो परीक्षाएं राज्य सरकार के नियंतण्रमें हैं, इसलिए उन्हें स्थगित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नायब तहसीलदार और ग्राम विकास अधिकारी के पदों पर प्रदेश के ही स्थानीय युवाओं का चयन होना है और करीब डेढ़ लाख अभ्यर्थी नायब तहसीलदार और ग्राम विकास अधिकारी बनने का ख्वाब संजोए हुए हैं। इसलिए युवाओं के हित को देखते हुए इन दोनों परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ा दी जाए।-
७सितंबर को राष्ट्रीय सहारा देदून मे प्रकाशित
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