Tuesday, 3 May 2011

10 जुलाई को प्रदेश में पहली बार आयोजित होगी टीईटी 15 मई से डाकघरों में मिल सकेंगे परीक्षा फार्म

टीचर बनने का सपना देख रहे बेरोजगार एक बार नहीं बल्कि कई बार अध्यापक पात्रता परीक्षा (टीईटी) दे सकेंगे। इस परीक्षा में पास होने के लिए 60 फीसद अंक पाने जरूरी हैं, लेकिन अपने अंकों में सुधार के लिए अभ्यर्थी कई बार परीक्षा दे सकता है। टीईटी पास करने के बाद परीक्षा दोबारा देने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। वैसे टीईटी परीक्षा पास करने पास करने वाले टीचर बनने के योग्य माने जाएंगे और उन्हें वरीयता भी दी जाएगी लेकिन टीईटी प्रमाण पत्र पास करने वालों शिक्षक के रूप में नौकरी की गारंटी नहीं होगी। बता दें कि प्रदेश में बच्चों के लिए अनिवार्य एवं मुफ्त शिक्षा कानून के लागू होने के बाद शिक्षक बनने के हर इच्छुक अभ्यर्थी के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। टीईटी में वही अभ्यर्थी बैठ सकता है जिसने स्नातक स्तर पर 50 फीसद अंक पाए हों और जो नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन(एनसीटीई) के मुताबिक व्यावसायिक योग्यता रखता हो। अनुसूचित जाति और जनजाति के परीक्षार्थियों के लिए हालांकि स्नातक परीक्षा के अंकों में छूट दी गई है और वह 45 प्रतिशत अंकों के साथ टीईटी के लिए आवेदन कर सकते हैं। वैसे प्रदेश सरकार की आरक्षण नीति के मुताबिक एससी-एसटी, ओबीसी और विकलांगों को अन्य छूट भी दी जा सकती हैं। प्रदेश सरकार ने हालांकि टीईटी में स्नातक परीक्षा के अंकों में छूट के लिए केंद्र से अनुरोध किया था लेकिन केंद्र सरकार के छूट न देने से फिलहाल छूट नहीं मिल पाई है। प्रदेश में 10 जुलाई को पहली बार टीईटी आयोजित हो रही है, जिसे विद्यालयी शिक्षा परिषद आयोजित कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक तीन मई से परीक्षा का आवेदन पत्र विद्यालयी शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर उपलब्ध हो जाएगा। 15 मई से टीईटी आवेदन प्रदेश के डाकघरों से मिल सकेंगे। आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 4 जून होगी जबकि प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों और प्रमुख शहरों में परीक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। टीईटी में दो पेपर होंगे। जिनमें बहु-विकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। पहला पेपर कक्षा एक से पांच के लिए और दूसरा पेपर कक्षा छह से आठ के लिए होगा। परीक्षा में हर सवाल एक अंक का होगा और किसी किस्म की नेगेटिव मार्किग नहीं होगी। इसमें अभ्यर्थी के लिए यह छूट होगी कि वह प्राइमरी टीचर बनना चाहता है तो वह पहला पेपर ही दे सकता है और अगर वह अपर प्राइमरी टीचर बनना चाहता है तो उसे कक्षा छह से आठ का यानी द्वितीय प्रश्नपत्र देना होगा। दोनों परीक्षाएं डेढ़डे ढ़ घंटे अवधि की होंगी। अभ्यर्थी दोनों पेपर भी दे सकता है। प्राइमरी टीचर के लिए 150 अंकों का प्रश्नपत्र होगा जिसमें बाल विकास व शिक्षा शास्त्र के 30, भाषा-1 के 30, भाषा-2 के 30, गणित के 30 और पर्यावरण अध्ययन के 30 सवाल पूछे जाएंगे। अपर प्राइमरी टीचर के लिए बाल विकास व शिक्षा शास्त्र के 30, भाषा-1(अनिवार्य) के 30, भाषा-2(अनिवार्य) के 30 सवाल तो पूछे ही जाएंगे। गणित व विज्ञान शिक्षक बनना चाहने वालों से इन विषयों के 60 सवाल, सामाजिक विज्ञान का शिक्षक बनना चाहने वालों से सामाजिक विज्ञान के 60 सवाल पूछे जाएंगे। भाषा-1 के सवाल शिक्षण की माध्यम भाषा से जुड़े होंगे तो भाषा- 2 के सवाल भाषा के तत्वों आदि से जुड़े होंगे। प्रश्नपत्र द्विभाषी यानी हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध होंगे। एनसीटीई ने यह भी साफ किया है कि प्रदेश सरकार को साल में कम से कम एक बार टीईटी आयोजित करना होगा। टीईटी प्रमाण पत्र की मान्यता की अवधि राज्य सरकार ही निर्धारित करेगी। हालांकि एनसीटीई के मुताबिक यह अधिकतम सात साल हो सकती है।

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