Publish Date:Fri, 04 Jan 2019 12:20 PM (IST)
राज्यसभा सदस्य व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने उत्तराखंड के शिक्षकों को राहत दिलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को धन्यवाद किया है।
राज्य बनने के बाद उत्तराखंड में हुए विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को एनसीटीई ने मान्यता नहीं दी थी। प्रशिक्षण दिलाने से पहले शिक्षा महकमे ने एनसीटीई से मान्यता लेने की औपचारिकता पूरी करने की जरूरत नहीं समझी। इसका खामियाजा उक्त प्रशिक्षण पूरा कर महकमे में नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है।
एनसीटीई की मान्यता नहीं मिलने से शिक्षकों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। केंद्र सरकार ने अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए डीएलएड प्रशिक्षण पूरा करने की डेडलाइन 31 मार्च, 2019 तय की है। राज्य के प्राथमिक शिक्षक डीएलएड प्रशिक्षण से इन्कार कर चुके हैं।
उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली में उनके साथ केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से मुलाकात की। इस मुलाकात में केंद्रीय मंत्री ने संसद के शीतकालीन सत्र में उक्त संबंध में विधेयक लाने का भरोसा दिया था
राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी ने 'दैनिक जागरण' से दूरभाष पर बातचीत में गुरुवार को राज्यसभा संबंधित विधेयक पास होने की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि राज्यसभा से पास होने के बावजूद उक्त विधेयक को दोबारा लोकसभा में भी रखना होगा।
लोकसभा में उक्त विधेयक में पहले 2018 का उल्लेख किया गया है। अब इसे संशोधित कर 2019 का उल्लेख किया जाएगा। लोकसभा में उक्त विधेयक पारित होने में देर नहीं लगेगी। लोकसभा से विधेयक पारित होने के बाद शिक्षकों की समस्या का समाधान हो जाएगा।
राज्य सरकार के आवेदन करते ही शिक्षकों के विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण को मान्यता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे उत्तराखंड के शिक्षकों की मांग पूरी हो जाएगी। उधर, उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौहान ने उक्त विधेयक राज्यसभा में पारित होने पर खुशी जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय और सांसद अनिल बलूनी का आभार व्यक्त किया।
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