सरकारी
स्कूलों में बेसिक शिक्षक बनने के लिए केवल ग्रेजुएट होना ही काफी नहीं
होगा। अब से होने वाली हर भर्ती में विषय के अनुसार ही नियुक्तियां होंगी।
यानि 50 फीसदी पद विज्ञान विषय से ग्रेजुएट के लिए आरक्षित होंगे। बाकी 50
प्रतिशत पदों में आधे अंग्रेजी-हिंदी और बाकी अन्य विषय के ग्रेजुएट के लिए
रहेंगे। साथ ही नियमावली मेंं नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा को 40 साल
से बढ़ा कर 42 साल कर दिया गया है।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे का कहना है
कि इस प्रकार विज्ञान और अंग्रेजी विषय के दक्ष शिक्षक आने से बेसिक स्तर
पर गुणवत्ता में और सुधार आएगा। छात्रों को सबसे ज्यादा समस्या
गणित-विज्ञान और अंग्रेजी में आती है। यदि शुरूआती कक्षाओं से इन विषय मे
दक्ष शिक्षक उन्हें पढ़ाएंगे तो छात्रों को भी लाभ मिलेगा। इस समय राज्य के
सरकारी स्कूलों के छात्र इन्हीं विषयों में ज्यादा कमजोर हैं।
यूं होगी भर्ती
साइंस ग्रेजुएट
विज्ञान विषयों से ग्रेजुएट अभ्यर्थियों के लिए कुल पदों में 50 फीसदी का आरक्षण रहेगा। इन 50 फीसदी में भी में आधे पद फिजिक्स और गणित ग्रेजुएट के लिए रहेंगे। बाकी 50 फीसदी पद बॉटनी, कैमिस्ट्री और जूलॉजी ग्रेजुएट के लिए।
विज्ञान विषयों से ग्रेजुएट अभ्यर्थियों के लिए कुल पदों में 50 फीसदी का आरक्षण रहेगा। इन 50 फीसदी में भी में आधे पद फिजिक्स और गणित ग्रेजुएट के लिए रहेंगे। बाकी 50 फीसदी पद बॉटनी, कैमिस्ट्री और जूलॉजी ग्रेजुएट के लिए।
आर्ट्स ग्रेजुएट
साइंस ग्रेजुएट के बाद बचे 50 प्रतिशत पदों के आधे पद हिंदी और इंग्लिश प्रमुख विषय के साथ ग्रेजुएशन करने वालों के लिए होंगे। हिंदी के साथ इंटर में संस्कृत विषय होना भी जरूरी होगा। बाकी पद इन सबसे इतर विषयों से स्नातकों के लिए रहेंगे।
साइंस ग्रेजुएट के बाद बचे 50 प्रतिशत पदों के आधे पद हिंदी और इंग्लिश प्रमुख विषय के साथ ग्रेजुएशन करने वालों के लिए होंगे। हिंदी के साथ इंटर में संस्कृत विषय होना भी जरूरी होगा। बाकी पद इन सबसे इतर विषयों से स्नातकों के लिए रहेंगे।
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