देहरादून ’ दूसरे राज्य से बेसिक शिक्षक सर्टिफिकेट (बीटीसी) धारकों के लिए भी सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने का रास्ता खुलने जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे प्रदेशों से बीटीसी करने वाले, राज्य के निवासियों को पात्र माना है। आशा देवी बनाम राज्य सरकार मामले में हाईकोर्ट में दो बार हार चुके शिक्षा विभाग को सुप्रीम कोर्ट ने भी झटका दे दिया। सुप्रीम कोर्ट ने विभाग की एसएलपी खारिज करते हु
ए इस केस में हाईकोर्ट के आदेश का सही ठहराया है।सुप्रीम कोर्ट के फैसले से शिक्षा विभाग में खलबली है। दरअसल, विभागीय नियमावली में बेसिक शिक्षक की पात्रता राज्य की और राज्य में भी संबंधित जिलों से बीटीसी/डीएलएड को ही रखा गया है। इस फैसले से दूसरे प्रदेशों से बीटीसी कर चुके राज्य के बेरोजगारों के लिए नौकरी के दावा का मजबूत आधार मिल गया है।मामला कुछ यूं है: बेसिक शिक्षकों की भर्ती में विभाग ने कुमाऊं मंडल की आशा देवी का आवेदन खारिज कर दिया था। दरअसल, आशा का बीटीसी सर्टिफिकेट मध्य प्रदेश का था। इस पर समानता के अधिकार के आधार पर आशा ने हाईकोर्ट में अपील की। सिंगल और डबल बेंच ने क्रमश: आशा के पक्ष में ही फैसला दिया। विभागीय नियमावली के खिलाफ होने की वजह से शिक्षा विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की थी। बेसिक शिक्षा निदेशक सीमा जाैनसारी ने कहा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रहे हैं। इसके बाद सरकार से दिशानिर्देश लेंगे
साभार- हिंदुस्तान देहरादून संस्करण
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