अरुणेश पठानिया,-देहरादून।
अक्सर दो अलग दलों के दिग्गज जब एक ही परियोजना को अपने खाते में लाने के
लिए भिड़ते हैं, तो उसका ठंडे बस्ते में जाना लगभग तय होता है। लेकिन राज्य
में सैनिक स्कूल घोड़ाखाल के बाद रुद्रप्रयाग के जखोली स्थान पर एक और
सैनिक स्कूल के लिए रक्षा मंत्रालय से स्वीकृति लेने में भाजपा और कांग्रेस
में चली प्रतिस्पर्धा का नतीजा पहाड़ के पक्ष में आया है। सैन्य बहुल
प्रदेश में दूसरे सैनिक स्कूल की पैरवी करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बीसी
खंडूड़ी की कोशिशें -
•सीएम रहते हुए खंडूड़ी ने भेजा था स्कूल का प्रस्ताव
स्वीकृति से पूर्व हरक सिंह ने जारी किए थे 10 करोड़
उत्तराखंड के सैन्य अफसरों की बढ़ेगी संख्या
राज्य
में भले अभी तक एक ही सैनिक स्कूल है, लेकिन भारतीय सेना को अफसर देने में
प्रदेश अव्वल है। आबादी के लिहाज से सर्वाधिक अफसर उत्तराखंड से सेना में
शामिल होते हैं। यह संख्या जखोली में सैनिक स्कूल खुलने के बाद और बढ़ेगी।
उनके कार्यकाल में कामयाब नहीं हुईं, लेकिन अब
सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह रावत के नए सिरे से प्रयास सफल हुए हैं।
सांसद बीसी खंडूड़ी ने स्कूल के लिए अनुमति मिलने को संसद सत्र में उठाने
से लेकर रक्षा मंत्री से हुई वार्ता का नतीजा बताया है। उधर, भले भाजपा ने
स्कूल की मांग पहले की थी, लेकिन उसके लिए अनिवार्य भूमि चयन से लेकर तमाम
औपचारिकताएं पूरी करने में मंत्री हरक सिंह के प्रयास अहम रहे। अब दोनों
दलों के बीच इसका श्रेय लेने की होड़ रहेगी। फिलहाल सैनिक स्कूल जखोली के
प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय की सैनिक स्कूल संचालन सोसाइटी को वित्तीय
स्वीकृति मिल गई है। अब सोसाइटी और राज्य सरकार के बीच एमओयू साइन होगा
जिसके तीन वर्ष के भीतर स्कूल का निर्माण हो जाएगा।
अब तक क्या हुआ ः
• वर्ष 2008 में तत्कालीन सीएम बीसी खंडूड़ी ने गढ़वाल में सैनिक स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेजा
• रक्षा मंत्रालय ने राज्य सरकार को भूमि संबंधी विवरण मांगा पर भूमि चयन नहीं हुआ
• जून वर्ष 2010 में तत्कालीन सीएम रमेश पोखरियाल निशंक ने दोबारा केंद्र को पत्र लिखा
• केंद्र ने 2012 में उड़ीसा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश (सागर) को स्वीकृति दे दी
• वर्ष 2013 में सैनिक कल्याण मंत्री हरक सिंह ने जखोली में स्कूल की घोषणा की
• केंद्र से स्वीकृति मिलने से पूर्व हरक ने जारी किए निर्माण को 10 करोड़
• स्वीकृत से पहले करोड़ों आवंटित करने पर हुआ विवाद
• फरवरी 2014 में केंद्र की टीम ने जखोली में भूमि का किया निरीक्षण
जखोली
में पढ़ सकेंगे 300 छात्र ः राज्य सरकार ने जखोली में लगभग 52 एकड़ भूमि
चयनित की है, जिसमें न्यूनतम 300 छात्रों के लिए शैक्षणिक सुविधाएं
मिलेंगी। भवन निर्माण के लिए रक्षा मंत्रालय वित्तीय मदद के साथ वार्षिक
डिफेंस स्कालरशिप प्रति कैडेट देगा। इसके साथ स्कूल के टीचिंग-नान टीचिंग
स्टाफ के वेतन-भत्ते और सैन्य अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी।
(अमर उजाला)
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