लेकिन कोर्ट ने अंतिम परिणाम घोषित न करने की हिदायत भी दी है। मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। मुख्य न्यायाधीश केएम जोसेफ एवं न्यायमूर्ति वीके बिष्ट की संयुक्त खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस मामले में टिहरी गढ़वाल निवासी केशवानंद झिल्डियाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की नियुक्ति के लिए शिक्षा विभाग द्वारा 1 फरवरी 2014 को जारी विज्ञप्ति की वैधता को चुनौती दी थी।
याचिकाकर्ता ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा था कि चयन के लिए प्रशिक्षण कोर्स के प्राप्तांकों के प्रतिशत का 60 प्रतिशत और टीईटी में प्राप्त अंकों के प्रतिशत का 40 प्रतिशत के जोड़ के आधार पर मेरिट सूची बनाई जाए।
लेकिन विभाग ने हाईस्कूल, इंटर और स्नातक परीक्षा में पाए गए प्राप्तांकों को भी मेरिट में शामिल कर दिया। याचिकाकर्ता का कहना था कि विभाग की ओर से प्रशिक्षण परीक्षा के वर्ष के आधार पर चयन सूची बनाने की व्यवस्था गलत है।
इस मामले में एकलपीठ ने पूर्व में शिक्षा विभाग की ओर से प्रशिक्षण वर्ष के आधार पर चयन सूची बनाने की व्यवस्था को हाईकोर्ट ने अनुचित करार दिया था।
चयन प्रक्रिया होगी वर्षवार
एकलपीठ के इस आदेश को खंडपीठ के समक्ष चुनौती दी गई। खंडपीठ के समक्ष पंकज पंत, महेंद्र सिंह, चरण सिंह व त्रिवेंद्र प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र दायर कर कहा कि प्रक्रिया वर्षवार होनी चाहिए।
पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को चयन प्रक्रिया जारी रखने के निर्देश दिए हैं लेकिन उसका अंतिम परिणाम घोषित न करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तिथि नियत की है।
इसमें विभाग द्वारा वरिष्ठता और हाईस्कूल, इंटर और स्नातक के गुणांक को चयन का आधार बनाया गया था।
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