उत्तराखंड-शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी करने वाले शिक्षा
मित्रों को टीईटी से छूट प्रदान करने संबंधी शासनादेश पर हाईकोर्ट ने रोक
लगाते हुए सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
शासनादेश को दी थी चुनौती
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई। उधमसिंह नगर के बाजपुर निवासी प्रवीण कुमार और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शासन की ओर से जारी 4 मार्च, 2014 के उस शासनादेश को चुनौती दी थी।
जिसके तहत उन शिक्षा मित्रों को जिन्होंने शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी किया था, को शासन ने टीईटी परीक्षा में छूट प्रदान की थी।
टीईटी पास करना जरूरी
याचिका में कहा गया है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 एवं एनसीटीई के रूल्स के तहत शिक्षा मित्रों को भी टीईटी पास करना जरूरी है।
क्योंकि वे पूर्ण चयन प्रक्रिया के तहत बीटीसी में आए हैं। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने शासनादेश पर रोक लगाते हुए सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
शासनादेश को दी थी चुनौती
न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकलपीठ के समक्ष शुक्रवार को मामले की सुनवाई हुई। उधमसिंह नगर के बाजपुर निवासी प्रवीण कुमार और अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शासन की ओर से जारी 4 मार्च, 2014 के उस शासनादेश को चुनौती दी थी।
जिसके तहत उन शिक्षा मित्रों को जिन्होंने शिक्षा मित्र रहते हुए बीटीसी किया था, को शासन ने टीईटी परीक्षा में छूट प्रदान की थी।
टीईटी पास करना जरूरी
याचिका में कहा गया है कि नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिनियम 2009 एवं एनसीटीई के रूल्स के तहत शिक्षा मित्रों को भी टीईटी पास करना जरूरी है।
क्योंकि वे पूर्ण चयन प्रक्रिया के तहत बीटीसी में आए हैं। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की एकलपीठ ने शासनादेश पर रोक लगाते हुए सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।
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