Saturday, 15 December 2018

उत्तराखंड: बेसिक शिक्षकों की भर्ती अब टीईटी मैरिट से होगी

राज्य सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का मानक बदल दिया है। अब टीईटी में प्राप्त अंकों पर तैयार मैरिट से नियुक्ति की जाएगी। अब तक बीएड वर्षवार डिग्री के आधार पर नियुक्ति होती थी। इसी के साथ सरकार ने दूसरे राज्यों से बीएड, डीएलएड, बीएलएड करने वालों को भी राज्य में नियुक्ति के लिए मान्य कर दिया है।
शुक्रवार को राज्य कैबिनेट की बैठक में उक्त महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। अब तक राज्य में प्राइमरी शिक्षकों की नियुक्ति में बीएड पासआउट होने वाले साल को अहम आधार बनाया गया था। इस आधार पर राज्य में साल 2006-2007 तक बीएड पासआउट को नियुक्ति दी जा चुकी है। लेकिन अब चूंकि प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी अनिवार्य हो गया है। इसलिए सरकार ने नियुक्ति का आधार भी बीएड वरिष्ठता के बजाय टीईटी की मैरिट को बना दिया है। यानि अब यदि आवेदक के पास बीएड, डीएलएड, बीएलएड की डिग्री कितनी भी पुरानी है, उसकी मैरिट टीईटी के अंकों के आधार पर ही तय होगी।
इसी आधार पर नियुक्ति होगी। इसी के साथ कैबिनेट ने दूसरे राज्यों या इग्नू जैसे संस्थानों से प्राप्त बीएड, डीएलएड, बीएलएड की डिग्री को मान्यता दे दी है। प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए डीएलएड, बीएलएड को अनिवार्य करने के साथ ही पहले से बीएड डिग्री धारकों के लिए दो साल के अंदर डीएलएडी का ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य कर दिया है।
सरकार प्रशिक्षित बेरोजगारों की चिंताओं को समझती है। साथ ही स्कूलों में भी शिक्षकों की कमी को दूर कर, शिक्षा के स्तर में सुधार लाना भी सरकार के एजेंडे में है। इसलिए तत्काल प्रभाव से शिक्षक भर्ती शुरू की जा रही है। इसमें पूरी पारदर्शिता बरती जाएगी, ताकि सिर्फ योग्य युवा ही शिक्षक बन सके।
अरविंद पांडेय, शिक्षा मंत्री

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