Tuesday, 19 December 2017

सियासत में कूदे अजीत डोभाल के बेटे, इस सीट से लड़ सकते हैं सांसद का चुनाव

शौर्य इससे पहले प्रदेश भाजपा के कार्यक्रमों में कभी सक्रिय नहीं दिखाई दिए। अलबत्ता, विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी के चौबट्टाखाल प्रत्याशी रहे सतपाल महाराज के चुनाव प्रचार में वे जरूर नजर आए थे। अब पार्टी में अचानक उनकी एंट्री से नये सियासी समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। गढ़वाल सीट से भाजपा सांसद खंडूड़ी उम्रदराज हो चुके हैं। वर्ष 1991 से अब तक हुए लोकसभा चुनावों में दो बार छोड़ दें तो यह सीट खंडूड़ी के रूप में भाजपा के कब्जे में रही है। खंडूड़ी सार्वजनिक रूप से राजनीति से संन्यास की घोषणा भी कर चुके हैं। ऐसे में उनके उत्तराधिकारी की तलाश पार्टी शुरू कर चुकी है।



राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे शौर्य डोभाल क्या अगला लोकसभा चुनाव, पौड़ी गढ़वाल सीट से लड़ेंगे? भाजपा में उनकी एंट्री से यह सवाल राजनीतिक गलियारों में तैरने लगा है। उन्हें इस सीट पर पार्टी के मौजूदा सांसद मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी के मजबूत उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है।

शौर्य की हालांकि कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है, पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के बेटे होने के चलते राजनीति में पैर जमाना उनके लिए मुश्किल नहीं है। हालांकि, गढ़वाल सीट पर कई और दावेदारों के नाम चर्चा में हैं। आम चुनाव से डेढ़ वर्ष पहले शौर्य की इस सक्रियता से इस सीट पर दावेदारी के समीकरण बदल जाएंगे। खंडूड़ी के बाद गाहे-बगाहे मौजूदा थल सेनाध्यक्ष बिपिन रावत, पार्टी के राष्ट्रीय सचिव तीरथ रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज आदि के नाम इस सीट के दावेदार के रूप में सुर्खियों में आते रहे, पर ताजा समीकरण के बाद शौर्य प्रबल दावेदार के रूप में माने जा रहे हैं।
शौर्य डोभाल के बारे में
मूलत: पौड़ी गढ़वाल के शौर्य डोभाल लंदन और शिकागो से कंबाइन एमबीए डिग्री होल्डर हैं। उन्होंने लंबे समय तक बैंकिंग-इंवेस्टमेंट के क्षेत्र में काम किया है। वर्ष 2014-15 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान शौर्य ने विदेशी निवेशकों से मुलाकात में बड़ी भूमिका निभाई थी और यहीं से वे चर्चाओं में आए। शौर्य करीब चार वर्ष से इंडिया फाउंडेशन नामक संस्था चला रहे हैं। संस्था की वेबसाइट के अनुसार इस का मकसद भारतीय सभ्यता-संस्कृति के संरक्षण के साथ वैश्विक अवसरों की उपलब्धता पर शोध करना है। शौर्य इस संस्था के निदेशक हैं। उनके अलावा केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, निर्मला सीतारमण, एमजे अकबर व जयंत सिन्हा भी इसमें निदेशक हैं।
सक्रिय राजनीति में प्रवेश 
शौर्य ने उत्तराखंड की सियासत में कदम बढ़ा लिया है। भाजपा ने डोभाल को सदस्यता देने के साथ प्रदेश कार्यसमिति में विशेष आमंत्रित सदस्य का दर्जा दिया है। डोभाल के करीबी आलोक त्रिवेदी को भी विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। हल्द्वानी में संपन्न भाजपा प्रदेश कार्यसमिति में ये दोनों नये सदस्य मौजूद रहे, लेकिन वरिष्ठ नेताओं ने इसकी भनक कार्यकर्ताओं तक को लगने नहीं दी। बताया जा रहा है कि शौर्य को कुछ समय पहले गोवा में पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। इसके बाद भाजपा कार्यसमिति से पहले प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में आने का न्योता दिया।
पार्टी उनका उपयोग करना चाहती है : अजय भट्ट 
प्रदेश अध्यक्ष भाजपा अजय भट्ट का कहना है कि शौर्य विदेश नीति और आर्थिक मामलों के अच्छे जानकार हैं। उनके इस ज्ञान का पार्टी उपयोग करना चाहती है। इसीलिए उन्हें कार्य समिति बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया गया। पार्टी आगे भी उनके अनुभव का लाभ लेगी।

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