Thursday, 23 December 2010
वन विभाग में खुली भरती की राह
मंत्रिमंडल में सेवा नियमावली मंजूर, ऋषिकेश, हरिद्वार को संस्कृत नगरी का दरजा
देहरादून। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को वन विभाग में रेंजर, गार्ड और ड्राफ्ट्समैन की सेवा नियमावली को मंजूरी देने के साथ ही भरती का रास्ता खुल गया। ऋषिकेश और हरिद्वार को संस्कृत नगरी का दरजा देने और कुमाऊं व गढ़वाल में एक-एक संस्कृत ग्राम स्थापित करने का फैसला किया गया।
उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद के गठन और उसके कार्यों को मंजूरी दी गई। इसका मुख्यालय देहरादून में होगा। सरकारी अफसर दफ्तरों में पद नाम संस्कृत में भी लिखेंगे। पीडीएस को सशक्त बनाने को खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई। शिक्षकों को सत्रांत लाभ की सुविधा फिर दी गई। गैर बीएड वाले एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति के लिए बीएड की बाध्यता खत्म की गई। शासन से जुड़े विभागों, सचिवालय, विधानसभा, राज्य लोक सेवा आयोग, महाधिवक्ता कार्यालय को छोड़ बाकी विभागों में पदनामों की समरूपता पर फैसला करने को आबकारी मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सबकमेटी बनाई। उत्तराखंड होमगार्ड सेवा नियमावली का प्रख्यापन किया गया। शव जलाने को वन निगम की लकड़ी लेने पर वैट खत्म किया गया। उत्तराखंड राजस्व सेवा नियमावली में भी संशोधन किया गया। हरिद्वार के लोगों का घरेलू और निजी नलकूपों के लंबित बिल 31 मार्च 2011 तक भरने पर सरचार्ज माफ कर दिया गया। वन विभाग की सेवा नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वन रेंजर, प्रधान ड्राफ्ट्समैन, ड्राफ्ट्समैन की भरती होगी। रेंजर के 308 पदों में 50 फीसदी डिप्टी रेंजर से भरे जाएंगे। बाकी पद राज्य लोक सेवा आयोग से भरे जाएंगे। ड्राफ्ट्समैन संवर्ग में 14 पद प्रधान ड्राफ्ट्समैन और 41 पद ड्राफ्ट्समैन के होंगे। स्पेशल कॉर्बेट टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की सेवा नियमावली को हरी झंडी मिलने के बाद 90 में से 63 पदों पर सीधी भरती होगी। इसमें 70 फीसदी पद रेग्युलर होंगे।
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