Friday, 31 December 2010
Tuesday, 28 December 2010
पहाड़ की रामलीला राष्ट्रीय धरोहर
पिथौरागढ़। लंबी जद्दोजहद के बाद पहाड़ की रामलीला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर दिया गया है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने संगीत नाटक अकादमी को रामलीला के संरक्षण की जिम्मेदारी सौंपी है। फरवरी 2011 में अल्मोड़ा में होने वाले सेमीनार में राष्ट्रीय स्तर पर पहाड़ की रामलीला के मंचन की रूपरेखा तय की जाएगी। संगीत नाट अकादमी की ओर से पहाड़ी रामलीला को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की जानकारी प्रो.डीआर पुरोहित और संगीतज्ञ डा.पंकज उप्रेती को दी गई है। अकादमी ने प्रो.डीआर पुरोहित को गढ़वाल और हिमालय संगीत शोध समिति के निदेशक डा.पंकज उप्रेती को कुमाऊं में रामलीला के जानकारों से जनसंपर्क का काम सौंपा गया है। हिमालय संगीत शोध समिति के निदेशक डा.पंकज उप्रेती ने पहाड़ की रामलीला पर काफी विस्तार से शोध का काम किया है। डा.उप्रेती पहाड़ी रामलीला की गायनशैली पर एक तथ्यपूर्ण पुस्तक भी लिख चुके हैं। उन्होंने ही संस्कृति मंत्रालय के सामने पहाड़ की रामलीला का खाका रखा था।
संगीत नाटक अकादमी को मिला संरक्षण का काम
आरक्षण विरोधियों को मिलेंगी सुविधाएं!
राज्य आंदोलनकारियों की तरह दर्जा देने पर किया जा रहा है विचार
देहरादून। स्कूलों और कॉलेजों में ओबीसी आरक्षण के खिलाफ संघर्ष करने वाले आंदोलनकारियों के लिए भी सरकार सुविधाओं का दरवाजा खोलने पर गौर कर रही है।
मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने इस मुद्दे पर शासन स्तर पर बैठक बुलाई है। शुरुआत में सिर्फ नैनीताल के आंदोलनकारियों पर ही गौर किया जाएगा।
नैनीताल के आंदोलनकारियों को भी उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों सरीखी सुविधाएं देने की आवाज वहां के विधायक खड़क सिंह बोरा ने उठाई है। उनका तर्क है कि वर्ष 1994 तक के ओबीसी आंदोलनकारियों को उत्तराखंड आंदोलन के जुझारुओं की तरह सुविधा देने की अनुशंसा कुमाऊं के आयुक्त रहे प्रमुख सचिव राकेश शर्मा ने भी की थी। अपने मुख्यमंत्रित्व काल में नारायणदत्त तिवारी भी इस पर सैद्धांतिक सहमति जता चुके हैं। आरक्षण विरोधियों को उत्तराखंड आंदोलनकारियों सरीखी सुविधा देने के बाबत शासन स्तर पर प्रारंभिक दौर की कार्रवाई शुरू हो गई है। नैनीताल के आंदोलनकारियों को यह सुविधा मिलती है, तो बाकी जिलों के आरक्षण विरोधियों के लिए भी राह खुल सकती है। आंदोलन पूरे राज्य में छिड़ा था। बाद में यही आंदोलन उत्तराखंड आंदोलन की शक्ल में बदल गया था। सरकार ने अभी यह मानक तय नहीं किया है कि किन्हें और किस तरह के लोगों को आंदोलनकारियों का दरजा दिया जाए। यह भी देखा जाएगा कि इसका असर क्या और कितना पड़ सकता है।
फिलहाल, नैनीताल को लेकर कसरत हुई शुरू
मुख्य सचिव ने बुलाई आला अफसरों की बैठक
आरक्षण विरोधियों को भी उत्तराखंड आंदोलनकारियों की तरह दर्जा देने पर बैठक बुलाई है। अभी यह सिर्फ नैनीताल के लोगों पर केंद्रित होगा। साथ ही प्रक्रिया प्रारंभिक स्तर पर है। मांग की व्यावहारिकता और पहलुओं पर शासन विचार करेगा।
-सुभाष कुमार, मुख्य सचिव
नैनीताल के आंदोलनकारियों ने ओबीसी और उत्तराखंड आंदोलन, दोनों में शिरकत की थी। उनकी सूची भी संयुक्त ही बनाई गई है। वहां के ओबीसी आंदोलनकारियों को उत्तराखंड आंदोलनकारियों के समान दरजा मिलना ही चाहिए। -खड़क सिंह बोरा
भाजपा विधायक, नैनीताल
Thursday, 23 December 2010
दो हजार भर्तियों पर फंसा विभाग
नहीं हो पा रही है ग्राम पंचायत अधिकारियों की नियुक्ति को परीक्षा
देहरादून। करीब दो हजार ग्राम पंचायत अधिकारियों की भरती पर पंचायत विभाग एक बार फिर से फंस गया है। ढाई साल पहले 1.16 लाख आवेदनों की फीस एकत्रित करने के बाद भी पंचायत विभाग इस मसले को नहीं सुलझा पा रहा है। आवेदनकर्ताओं की ओर से कोर्ट का दरवाजा खटखटाए जाने से पंचायत विभाग अब फिर दबाव में है।
जुलाई 2008 में पंचायत विभाग की ओर से 1923 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों की भरती के लिए आवेदन मांगे थे। इसके एवज में विभाग को 1.16 लाख आवेदन मिले। फार्म फीस के सौ रुपये के हिसाब से विभाग को करीब सवा करोड़ रुपये की आय भी हुई। ढाई साल बाद भी पंचायत विभाग यह परीक्षा नहीं करा पाया। हाल यह है कि पंतनगर विश्वविद्यालय को परीक्षा कराने के 40 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। भरती की यह प्रक्रिया वित्त की आपत्ति के कारण अटका था।
वित्त का कहना था कि विभागीय ढांचे में केवल 670 पदों की ही व्यवस्था है। कैबिनेट ने 2409 पदों के लिए स्वीकृति दी थी। बाद में जो शासनादेश जारी हुआ उसमें 670 पदों की व्यवस्था ही दर्शाई गई। अब उत्तरकाशी से उत्तम सिंह गुसांई की ओर से इस मसले में अदालत का दरवाजा खटखटाने से पंचायत विभाग दबाव में हैं। पंचायत विभाग इस समय जवाब तैयार करने में जुटा हुआ है।
ढाई साल से मामले को लटकाए हुए हैं। बेरोजगारों का साथ कोई नहीं दे रहा है। एक लाख युवाओं से जो पैसा लिया है उसका ब्याज कौन खा रहा है, यह तो बताएं। ऐसे पंचायत कैसे मजबूत होंगी।
-सुरेंद्र नौटियाल, आवेदनकर्ता, माजरा देहरादून।
परीक्षा कराने के 40 लाख देने के बाद भी स्थिति जस की तस
वन विभाग में खुली भरती की राह
मंत्रिमंडल में सेवा नियमावली मंजूर, ऋषिकेश, हरिद्वार को संस्कृत नगरी का दरजा
देहरादून। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में मंगलवार को वन विभाग में रेंजर, गार्ड और ड्राफ्ट्समैन की सेवा नियमावली को मंजूरी देने के साथ ही भरती का रास्ता खुल गया। ऋषिकेश और हरिद्वार को संस्कृत नगरी का दरजा देने और कुमाऊं व गढ़वाल में एक-एक संस्कृत ग्राम स्थापित करने का फैसला किया गया।
उत्तराखंड संस्कृत शिक्षा परिषद के गठन और उसके कार्यों को मंजूरी दी गई। इसका मुख्यालय देहरादून में होगा। सरकारी अफसर दफ्तरों में पद नाम संस्कृत में भी लिखेंगे। पीडीएस को सशक्त बनाने को खाद्य मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी बनाई गई। शिक्षकों को सत्रांत लाभ की सुविधा फिर दी गई। गैर बीएड वाले एलटी शिक्षकों को प्रवक्ता पद पर प्रोन्नति के लिए बीएड की बाध्यता खत्म की गई। शासन से जुड़े विभागों, सचिवालय, विधानसभा, राज्य लोक सेवा आयोग, महाधिवक्ता कार्यालय को छोड़ बाकी विभागों में पदनामों की समरूपता पर फैसला करने को आबकारी मंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट सबकमेटी बनाई। उत्तराखंड होमगार्ड सेवा नियमावली का प्रख्यापन किया गया। शव जलाने को वन निगम की लकड़ी लेने पर वैट खत्म किया गया। उत्तराखंड राजस्व सेवा नियमावली में भी संशोधन किया गया। हरिद्वार के लोगों का घरेलू और निजी नलकूपों के लंबित बिल 31 मार्च 2011 तक भरने पर सरचार्ज माफ कर दिया गया। वन विभाग की सेवा नियमावली को कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद वन रेंजर, प्रधान ड्राफ्ट्समैन, ड्राफ्ट्समैन की भरती होगी। रेंजर के 308 पदों में 50 फीसदी डिप्टी रेंजर से भरे जाएंगे। बाकी पद राज्य लोक सेवा आयोग से भरे जाएंगे। ड्राफ्ट्समैन संवर्ग में 14 पद प्रधान ड्राफ्ट्समैन और 41 पद ड्राफ्ट्समैन के होंगे। स्पेशल कॉर्बेट टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स की सेवा नियमावली को हरी झंडी मिलने के बाद 90 में से 63 पदों पर सीधी भरती होगी। इसमें 70 फीसदी पद रेग्युलर होंगे।
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Wednesday, 22 December 2010
एलटी लिखित परिक्षा की संभावित तिथि ३० जनवरी २०१०
त्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के तत्वावधान में होने वाली एलटी की प्रवेश परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों का निर्धारण कर लिया गया है। परीक्षा के लिए मंडल में नैनीताल, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, खटीमा, अल्मोड़ा, द्वाराहाट, बागेश्र्वर, पिथौरागढ़ को केंद्र बनाया गया है। लिखित परिक्षा की संभावित तिथि ३० जनवरी २०१० मे होने की संभावना है।
उत्तराखँड की सँस्कृति को वह पहचान मिलनी चाहिये
उत्तराखँड मेँ उत्तराखँडियोँ की आबादी 80 लाख लेकिन प्रवास मेँ
उत्तराखँडियोँ की आबादी. दिल्ली मेँ 50 लाख से ज्यादा यू पी मेँ 60 लाख के
करीबन हरियाणा पँजाब और चँडीगढ मेँ 45 लाख के करीबन मध्यप्रदेश गुजरात मेँ 25
से 30 लाख के करीबन मुँबई मेँ 10 लाख के करीबन अन्य महाराष्टर एवँ अन्य दक्षिण
भारत मेँ 10 से 15 लाख एवँ विदोशोँ मेँ 2 लाख से भी ज्यादा लेकिन फिर भी हमारी
सँस्कृति को वह पहचान नहीँ मिल पाई जितनी कि मिलनी चाहिये
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