श्रीनगर: राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) उत्तराखण्ड़ के लिए अच्छी खबर है, केंद्र सरकार ने हाइकोर्ट के आदेशानुसार जल्द फैसला करते हुए सुमाड़ी में बनाये जाने वाले स्थाई परिसर के निर्माण के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके साथ साथ परिसर निर्माण के लिए प्रशासनिक और
तकनीकी समिति ने भी हरी झंडी दिखा दी है. ऐसे में जल्द अब एनआईटी प्रशासन इस संबंध में निविदायें निकालने की तैयारी में जुट गया है.बता दें कि पिछले 9 सालों से एनआईटी उत्तराखंड का स्थाई परिसर नहीं बन पाया था. पिछले लंबे समय से छात्रों के पठन पाठन का कार्य पॉलिटेक्निक के परिसर में संचालित हो रहा है. जिससे कुपित होकर एनआईटी का एक छात्र जसवीर सिंह पूरे मामले को लेकर हाईकोर्ट में गया था. जिसपर अंतिम सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य और केंद्र सरकार को 4 माह के भीतर यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए थे कि जल्द सरकार कैम्पस को लेकर कोई निर्णय ले. साथ में जब तक एनआईटी का स्थाई परिसर न बने तब तक अस्थाई रूप से एनआईटी का सभी सुविधाओं से युक्त कैम्पस तैयार करे.वहीं, अब पूरे मामले में एनआईटी का अस्थाई परिसर श्रीनगर के रेशम विभाग की भूमि पर बनाया जा रहा है. जिसका कार्य शुरु हो चुका है जबकि, स्थाई परिसर निर्माण के लिए केंद्र की सभी समितियों ने अपनी स्वीकृति दे दी है. एनआईटी के कुलसचिव डॉ. प्रभाकरमणि काला ने बताया कि केंद्र से सभी प्रकार की स्वीकृति मिलने के बाद अब जल्द सुमाड़ी में निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. साथ में उन्होंने जानकारी दी कि अस्थाई परिसर का निर्माण भी श्रीनगर में शुरू कर दिया गया है .उन्होंने स्थाई परिसर के बारे में बताते हुए कहा कि लगभग 6 सौ करोड़ की लागत में एनआईटी का भव्य परिसर सुमाड़ी में बनाने की कार्य योजना है.
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