समुद्र
के रास्ते दुनिया का चक्कर लगाने निकलीं भारतीय नौसेना की महिला
अधिकारियों ने गुरुवार को अपना सबसे मुश्किल पड़ाव ‘केप हॉर्न’ को पार किया।
‘केप हॉर्न’ को पार करना एवरेस्ट फतह करने जैसा मुश्किल माना जाता है। इस
दल का नेतृत्व उत्तराखंड की वर्तिका जोशी कर रही हैं। दल में देहरादून की
पायल गुप्ता भी शामिल हैं।
भारतीय सेना की छह महिला सदस्यों की तिरंगा लहराती तस्वीरें जारी करते हुए नौसेना ने उन्हें बधाई दी है। पिछले साल सितंबर में शुरू हुई यह यात्रा अप्रैल में पूरी होने की संभावना है। महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम करने के मकसद से नौसेना ने यह अभियान शुरू किया, जिसका नाम ‘नाविका सागर परिक्रमा’ रखा गया है। नौसेना प्रवक्ता ने कहा कि केप हॉर्न का चक्कर लगाते हुए आईएनएसवी तारिणी के डैश बोर्ड पर तिरंगा लहराना जोश भरने के साथ बेहद गर्व का अनुभव करा रहा है।
श्रीनगर की वर्तिका कर रही अभियान का नेतृत्व
इस अभियान का नेतृत्व श्रीनगर गढ़वाल निवासी वर्तिका जोशी कर रही हैं। वर्तिका के पिता प्रो. पीके जोशी गढ़वाल केंद्रीय विवि में प्रोफेसर और मां अल्पना जोशी, ऋषिकेश कालेज में प्रवक्ता हैं।
हरादून के रेसकोर्स की रहने वार्ली हैं पायल
अभियान दल में शामिल पायल गुप्ता देहरादून के रेसकोर्स की रहने वाली हैं। पायल के पिता विनोद गुप्ता व्यवसायी और मां नीलम गृहिणी हैं। पायल ने देहरादून से बीटेक कर नौ सेना ज्वाइन की।
ये भी हैं टीम में
प्रतिभा जामवाल, ले. कमांडर: गोवा से पोर्ट ब्लेयर, गोवा से मॉरिशस और गोवा से कैपटाउन अभियान का हिस्सा रह चुकीं। पी. स्वाति : सबसे बड़ी ट्रांस अटलांटिक अंतरमहाद्वीपीय रेस में हिस्सा ले चुकी हैं। एस. विजया देवी, लेफ्टिनेंट: मणिपुर की विजया 2014 से समुद्री यात्राओं पर जा रही हैं। बी. ऐश्वर्या : आईएनएसवी महादेई और तारिणी पर सफर कर चुकी हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
यह सुखद अनुभव कराने वाली खबर है कि आईएनएसवी तारिणी ने सबसे मुश्किल माने जाने वाले समुद्री क्षेत्र केप हॉर्न का चक्कर लगाया। उनकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है।
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
जानिए खास बातें
23 हजार किलोमीटर से ज्यादा की कुल दूरी होगी
20 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की
07 माह से भी ज्यादा लंबा सफर तय करना होगा
06 सदस्यीय चालक दल में सभी महिलाएं हैं
भारतीय सेना की छह महिला सदस्यों की तिरंगा लहराती तस्वीरें जारी करते हुए नौसेना ने उन्हें बधाई दी है। पिछले साल सितंबर में शुरू हुई यह यात्रा अप्रैल में पूरी होने की संभावना है। महिला सशक्तिकरण की मिसाल कायम करने के मकसद से नौसेना ने यह अभियान शुरू किया, जिसका नाम ‘नाविका सागर परिक्रमा’ रखा गया है। नौसेना प्रवक्ता ने कहा कि केप हॉर्न का चक्कर लगाते हुए आईएनएसवी तारिणी के डैश बोर्ड पर तिरंगा लहराना जोश भरने के साथ बेहद गर्व का अनुभव करा रहा है।
श्रीनगर की वर्तिका कर रही अभियान का नेतृत्व
इस अभियान का नेतृत्व श्रीनगर गढ़वाल निवासी वर्तिका जोशी कर रही हैं। वर्तिका के पिता प्रो. पीके जोशी गढ़वाल केंद्रीय विवि में प्रोफेसर और मां अल्पना जोशी, ऋषिकेश कालेज में प्रवक्ता हैं।
हरादून के रेसकोर्स की रहने वार्ली हैं पायल
अभियान दल में शामिल पायल गुप्ता देहरादून के रेसकोर्स की रहने वाली हैं। पायल के पिता विनोद गुप्ता व्यवसायी और मां नीलम गृहिणी हैं। पायल ने देहरादून से बीटेक कर नौ सेना ज्वाइन की।
ये भी हैं टीम में
प्रतिभा जामवाल, ले. कमांडर: गोवा से पोर्ट ब्लेयर, गोवा से मॉरिशस और गोवा से कैपटाउन अभियान का हिस्सा रह चुकीं। पी. स्वाति : सबसे बड़ी ट्रांस अटलांटिक अंतरमहाद्वीपीय रेस में हिस्सा ले चुकी हैं। एस. विजया देवी, लेफ्टिनेंट: मणिपुर की विजया 2014 से समुद्री यात्राओं पर जा रही हैं। बी. ऐश्वर्या : आईएनएसवी महादेई और तारिणी पर सफर कर चुकी हैं।
पीएम मोदी ने दी बधाई
यह सुखद अनुभव कराने वाली खबर है कि आईएनएसवी तारिणी ने सबसे मुश्किल माने जाने वाले समुद्री क्षेत्र केप हॉर्न का चक्कर लगाया। उनकी इस उपलब्धि पर हमें बहुत गर्व है।
-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
जानिए खास बातें
23 हजार किलोमीटर से ज्यादा की कुल दूरी होगी
20 हजार किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय की
07 माह से भी ज्यादा लंबा सफर तय करना होगा
06 सदस्यीय चालक दल में सभी महिलाएं हैं
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