नैनीताल, : हाईकोर्ट
ने दूसरे राज्य से दो वर्षीय डीएलएड डिप्लोमा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को
प्राथमिक सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में शामिल किए जाने के आदेश पारित
किए हैं। कोर्ट ने पूर्व में हरीश चंद्र बनाम राज्य से संबंधित फैसले को
आधार बनाते हुए यह अहम फैसला सुनाया।
दरअसल, पौड़ी गढ़वाल निवासी तृष्टलता
गुंसाई, उत्तरकाशी निवासी जगत सिंह, चमोली निवासी मुकेश कुमार व पिथौरागढ़
निवासी पूनम बाला ने याचिका दायर कर कहा था कि उनके द्वारा मान्यता प्राप्त
संस्थान से डीएलएड डिप्लोमा करने के साथ ही टीईटी पास भी किया गया है। मगर
इसी साल जुलाई में जिलों के जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक की ओर से जारी
विज्ञापन में उन्हीं अभ्यर्थियों को सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए
बुलाया है, जो संबंधित जिले के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान से
डीएलएड या टीईटी पास हो। याचिकाकर्ताओं द्वारा विज्ञापन की इसी शर्त को
चुनौती दी थी। साथ ही प्राथमिक शिक्षक सेवा नियमावली-2012 व संशोधित
नियमावली 2013 को भी चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने दलील
दी कि राज्य सरकार एनसीटीई द्वारा निर्धारित न्यूनतम योग्यताधारी
अभ्यर्थियों को मनमाने तरीके से चयन प्रक्रिया में शामिल होने से नहीं रोक
सकती। पूर्व में कोर्ट ने सहायक शिक्षक चयन की काउंसलिंग में याचिकाकर्ताओं
को शामिल करने की अंतरिम अनुमति दी थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी
की एकलपीठ ने मामले को सुनने के बाद हरीश चंद बनाम राज्य सरकार के मामले
में दिए गए फैसले को आधार बनाते हुए दूसरे राज्य से डीएलएड को भी सहायक
शिक्षक प्राथमिक शिक्षा की भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने के आदेश पारित
किए।
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