प्रदेश में एलटी शिक्षक के रूप में नियुक्ति की राह तक रहे हजारों बीएड प्रशिक्षितों को केंद्र सरकार ने झटका दिया है।
उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से निजात नहीं मिलने वाली। रोजगार के लिए उन्हें भी टीईटी-दो अनिवार्य रूप से पास करना होगा। केंद्र सरकार के इस फरमान के बाद अब राज्य को एलटी नियमावली में संशोधन करना होगा। शिक्षा महकमा इस कवायद में जुट गया है। इस वजह से टीईटी परीक्षा भी अब जल्द कराने की तैयारी है। प्रदेश में एलटी शिक्षकों के चार हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। सिर्फ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खुले 228 स्कूलों में शिक्षकों के तकरीबन दो हजार पद रिक्त हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए भी अब बीएड प्रशिक्षितों को टीईटी-दो पास करना होगा। दरअसल, एलटी शिक्षक कक्षा छह से दसवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा इसके दायरे में होने के कारण केंद्र सरकार ने एलटी नियुक्तियों में भी टीईटी-दो को अनिवार्य किया है। इस बाबत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा। अब केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र भेजकर इस संबंध में स्थिति साफ कर दी है। केंद्र सरकार ने एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो को अनिवार्य बताया है। मौजूदा व्यवस्था में एलटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी-दो पास करने का प्रावधान नहीं है। कक्षा छह से आठवीं तक अध्यापकों के सीटी संवर्ग को काफी पहले मृत संवर्ग घोषित कर एलटी संवर्ग में समायोजित किया जा चुका है। एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो पास करने की व्यवस्था अभी एलटी नियमावली में नहीं है। लिहाजा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। केंद्र का फरमान मिलने के बाद राज्य सरकार के लिए फिलहाल असहज स्थितियां बन गई हैं। सरकार अब बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन कार्य निपटने के बाद टीईटी और टीईटी-दो जल्द आयोजित करने की तैयारियों में जुट गई है। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो अनिवार्य किए जाने के केंद्र सरकार के निर्देशों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि एलटी की नई नियुक्तियां नई व्यवस्था के तहत होंगी। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि टीईटी जल्द आयोजित की जाएगी। (साभार दैनिक जागरण देहरादून-रविंद्र बड़थ्वाल,)
उन्हें शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से निजात नहीं मिलने वाली। रोजगार के लिए उन्हें भी टीईटी-दो अनिवार्य रूप से पास करना होगा। केंद्र सरकार के इस फरमान के बाद अब राज्य को एलटी नियमावली में संशोधन करना होगा। शिक्षा महकमा इस कवायद में जुट गया है। इस वजह से टीईटी परीक्षा भी अब जल्द कराने की तैयारी है। प्रदेश में एलटी शिक्षकों के चार हजार से ज्यादा पद रिक्त हैं। सिर्फ राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत खुले 228 स्कूलों में शिक्षकों के तकरीबन दो हजार पद रिक्त हैं। इन पदों पर नियुक्ति के लिए भी अब बीएड प्रशिक्षितों को टीईटी-दो पास करना होगा। दरअसल, एलटी शिक्षक कक्षा छह से दसवीं कक्षा तक पढ़ाते हैं। छठवीं, सातवीं और आठवीं कक्षा इसके दायरे में होने के कारण केंद्र सरकार ने एलटी नियुक्तियों में भी टीईटी-दो को अनिवार्य किया है। इस बाबत राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र भेजा। अब केंद्र सरकार ने राज्य को पत्र भेजकर इस संबंध में स्थिति साफ कर दी है। केंद्र सरकार ने एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो को अनिवार्य बताया है। मौजूदा व्यवस्था में एलटी शिक्षकों की नियुक्ति के लिए टीईटी-दो पास करने का प्रावधान नहीं है। कक्षा छह से आठवीं तक अध्यापकों के सीटी संवर्ग को काफी पहले मृत संवर्ग घोषित कर एलटी संवर्ग में समायोजित किया जा चुका है। एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो पास करने की व्यवस्था अभी एलटी नियमावली में नहीं है। लिहाजा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। केंद्र का फरमान मिलने के बाद राज्य सरकार के लिए फिलहाल असहज स्थितियां बन गई हैं। सरकार अब बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन कार्य निपटने के बाद टीईटी और टीईटी-दो जल्द आयोजित करने की तैयारियों में जुट गई है। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने एलटी नियुक्तियों के लिए टीईटी-दो अनिवार्य किए जाने के केंद्र सरकार के निर्देशों की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि एलटी की नई नियुक्तियां नई व्यवस्था के तहत होंगी। इसके लिए नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने स्वीकार किया कि टीईटी जल्द आयोजित की जाएगी। (साभार दैनिक जागरण देहरादून-रविंद्र बड़थ्वाल,)
कृपया अपने विचार शेयर करें।
ReplyDeletehttp://authorehsaas.blogspot.in/
कृपया अपने विचार शेयर करें।