देहरादून: आखिर वही हुआ, जिसका डर था। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को लेकर खींचतान और
लेटलतीफी में वक्त जाया न होता तो परीक्षा के लिए तय 24 फरवरी की तारीख बदलने की नौबत नहीं आती। टीईटी-एक व टीईटी-दो की परीक्षा अब बोर्ड परीक्षा के बाद मई में होने के आसार हैं। प्राइमरी और अपर प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए बेरोजगारों को लंबा इंतजार करना होगा। प्रदेश सरकार ने टीईटी परीक्षा कराने का महत्वपूर्ण फैसला तो किया, लेकिन विभिन्न स्तरों पर बरती गई हीलाहवाली से परीक्षा 24 फरवरी को निर्धारित वक्त पर नहीं होगी। परीक्षा की तैयारी पूरी नहीं होने और महकमे में हड़ताल पर जोर के चलते परीक्षा कार्यक्रम टाल दिया गया। प्रशिक्षित बेरोजगारों को अब शिक्षक बनने के लिए टीईटी की परीक्षा में बैठने को करीब दो माह का इंतजार करना पड़ सकता है। संशोधित परीक्षा कार्यक्रम नए सिरे से जारी किया जाएगा। टीईटी परीक्षा टालने का ठीकरा भले ही किसी भी सिर पर फोड़ा जाए, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार और महकमे का लेटलतीफ रुख परीक्षा पर भारी पड़ा। टीईटी फार्म छपने के बावजूद उनकी बिक्री पर असमंजस और शिक्षा महकमे के आला अफसरों के बीच परीक्षा से जुड़े मुद्दों पर रार को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने समय रहते फैसला लिया होता तो शायद यह नौबत नहीं आती। दैनिक जागरण ने बीती 26 दिसंबर को डाकघरों में कैद भावी शिक्षक और 27 दिसंबर को लेटलतीफी के चलते तिथियों में बदलाव शीर्षक से खबरों में इन हालातों का खुलासा किया था। अधिकारियों के बीच टकराव के चलते पहले परीक्षा फार्मो की बिक्री देर से हुई। इस वजह से फार्म जमा करने की तिथियों में भी बदलाव करना पड़ा। मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की लंबी हड़ताल ने रही-सही कसर पूरी कर दी। प्राइमरी शिक्षक अब भी हड़ताल का दामन छोड़ नहीं पाए हैं। इन स्थितियों में परीक्षा की तैयारी प्रभावित हुई। अब टीईटी परीक्षा उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा और उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद आगामी मई माह में हो सकेंगी। मूल्यांकन कार्य 15 अप्रैल के बाद होना है। संपर्क करने पर शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि टीईटी परीक्षा मई माह में आयोजित होगी। बोर्ड की ओर से परीक्षा का संशोधित कार्यक्रम जारी होगा। (साभार-दैनिक जागरण देहरादून)
लेटलतीफी में वक्त जाया न होता तो परीक्षा के लिए तय 24 फरवरी की तारीख बदलने की नौबत नहीं आती। टीईटी-एक व टीईटी-दो की परीक्षा अब बोर्ड परीक्षा के बाद मई में होने के आसार हैं। प्राइमरी और अपर प्राइमरी शिक्षक बनने के लिए बेरोजगारों को लंबा इंतजार करना होगा। प्रदेश सरकार ने टीईटी परीक्षा कराने का महत्वपूर्ण फैसला तो किया, लेकिन विभिन्न स्तरों पर बरती गई हीलाहवाली से परीक्षा 24 फरवरी को निर्धारित वक्त पर नहीं होगी। परीक्षा की तैयारी पूरी नहीं होने और महकमे में हड़ताल पर जोर के चलते परीक्षा कार्यक्रम टाल दिया गया। प्रशिक्षित बेरोजगारों को अब शिक्षक बनने के लिए टीईटी की परीक्षा में बैठने को करीब दो माह का इंतजार करना पड़ सकता है। संशोधित परीक्षा कार्यक्रम नए सिरे से जारी किया जाएगा। टीईटी परीक्षा टालने का ठीकरा भले ही किसी भी सिर पर फोड़ा जाए, लेकिन हकीकत यह है कि सरकार और महकमे का लेटलतीफ रुख परीक्षा पर भारी पड़ा। टीईटी फार्म छपने के बावजूद उनकी बिक्री पर असमंजस और शिक्षा महकमे के आला अफसरों के बीच परीक्षा से जुड़े मुद्दों पर रार को लेकर शिक्षा मंत्रालय ने समय रहते फैसला लिया होता तो शायद यह नौबत नहीं आती। दैनिक जागरण ने बीती 26 दिसंबर को डाकघरों में कैद भावी शिक्षक और 27 दिसंबर को लेटलतीफी के चलते तिथियों में बदलाव शीर्षक से खबरों में इन हालातों का खुलासा किया था। अधिकारियों के बीच टकराव के चलते पहले परीक्षा फार्मो की बिक्री देर से हुई। इस वजह से फार्म जमा करने की तिथियों में भी बदलाव करना पड़ा। मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की लंबी हड़ताल ने रही-सही कसर पूरी कर दी। प्राइमरी शिक्षक अब भी हड़ताल का दामन छोड़ नहीं पाए हैं। इन स्थितियों में परीक्षा की तैयारी प्रभावित हुई। अब टीईटी परीक्षा उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा और उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद आगामी मई माह में हो सकेंगी। मूल्यांकन कार्य 15 अप्रैल के बाद होना है। संपर्क करने पर शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने कहा कि टीईटी परीक्षा मई माह में आयोजित होगी। बोर्ड की ओर से परीक्षा का संशोधित कार्यक्रम जारी होगा। (साभार-दैनिक जागरण देहरादून)
sir ji papper kab honge
ReplyDeleteAny news on UTET exam date?
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