देहरादून। शिक्षा विभाग में लोक सेवा आयोग से चयनित नवनियुक्त प्रवक्ता पहाड़ में सेवा को तैयार नहीं हैं।
विभाग ने इन्हें ज्वाइनिंग के लिए एक या दो नहीं बल्कि पांच अवसर दिए हैं, इसके बावजूद अनेक शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे। आयोग ने सितंबर 2011 में 1699 प्रवक्ता चुने, लेकिन सुविधाजनक स्कूल न मिलने पर अनेक प्रवक्ता स्कूल नहीं पहुंचे। शिक्षा विभाग ने 30 अक्तूबर 2011 तक स्कूलों में ज्वाइनिंग के लिए अंतिम सूची जारी की। इसके बाद भी 370 प्रवक्ताओं ने ज्वाइनिंग नहीं ली। हैरानी की बात ये रही कि स्कूल न पहुंचने वाले प्रवक्ताओं की नियुक्ति निरस्त नहीं की गई। इन्हें चार और मौके दिए गए, लेकिन सात महीने बाद भी न तो प्रवक्ता न ही कई एलटी शिक्षक स्कूल पहुंचे। प्रतीक्षा सूची में शामिल एक अभ्यर्थी हेमंत कुनियाल कहते हैं कि स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, पढ़ाई प्रभावित हो रही है, फिर भी ज्वाइनिंग न करने वालों को बार-बार मौका दिया जा रहा है। ऐसे प्रवक्ताओं की नियुक्ति निरस्त कर प्रतीक्षा सूची में शामिल लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। शिक्षा निदेशक चंद्र सिंह ग्वाल का इस बारे में कहना है कि कुछ चयनित प्रवक्ता दूसरी सेवाओं में थे। वहां से कार्यमुक्त होने के लिए उन्हें कुछ समय की जरूरत थी। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर एक और अवसर दिया गया। 15 मई को यह अवसर भी समाप्त हो गया। हम सूची मंगवा रहे हैं। जिन प्रवक्ताओं ने इस तिथि के भीतर ज्वाइनिंग नहीं ली, उनकी नियुक्ति अब निरस्त मानी जाएगी। ऐसे बदली ज्वाइनिंग की अंतिम तिथि - पहली- 30 अक्तूबर 2011 - दूसरी- 25 नवंबर 2011 - तीसरी- दो मार्च 2012 - चौथी- 30 अप्रैल 2012 - पांचवीं- 15 मई 2012
विभाग ने इन्हें ज्वाइनिंग के लिए एक या दो नहीं बल्कि पांच अवसर दिए हैं, इसके बावजूद अनेक शिक्षक स्कूल नहीं पहुंचे। आयोग ने सितंबर 2011 में 1699 प्रवक्ता चुने, लेकिन सुविधाजनक स्कूल न मिलने पर अनेक प्रवक्ता स्कूल नहीं पहुंचे। शिक्षा विभाग ने 30 अक्तूबर 2011 तक स्कूलों में ज्वाइनिंग के लिए अंतिम सूची जारी की। इसके बाद भी 370 प्रवक्ताओं ने ज्वाइनिंग नहीं ली। हैरानी की बात ये रही कि स्कूल न पहुंचने वाले प्रवक्ताओं की नियुक्ति निरस्त नहीं की गई। इन्हें चार और मौके दिए गए, लेकिन सात महीने बाद भी न तो प्रवक्ता न ही कई एलटी शिक्षक स्कूल पहुंचे। प्रतीक्षा सूची में शामिल एक अभ्यर्थी हेमंत कुनियाल कहते हैं कि स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, पढ़ाई प्रभावित हो रही है, फिर भी ज्वाइनिंग न करने वालों को बार-बार मौका दिया जा रहा है। ऐसे प्रवक्ताओं की नियुक्ति निरस्त कर प्रतीक्षा सूची में शामिल लोगों को मौका दिया जाना चाहिए। शिक्षा निदेशक चंद्र सिंह ग्वाल का इस बारे में कहना है कि कुछ चयनित प्रवक्ता दूसरी सेवाओं में थे। वहां से कार्यमुक्त होने के लिए उन्हें कुछ समय की जरूरत थी। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर एक और अवसर दिया गया। 15 मई को यह अवसर भी समाप्त हो गया। हम सूची मंगवा रहे हैं। जिन प्रवक्ताओं ने इस तिथि के भीतर ज्वाइनिंग नहीं ली, उनकी नियुक्ति अब निरस्त मानी जाएगी। ऐसे बदली ज्वाइनिंग की अंतिम तिथि - पहली- 30 अक्तूबर 2011 - दूसरी- 25 नवंबर 2011 - तीसरी- दो मार्च 2012 - चौथी- 30 अप्रैल 2012 - पांचवीं- 15 मई 2012
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