देहरादून -उत्तराखंड हाईकोर्ट के एक आदेश से 2648 पदों पर चल रही प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पर संकट के बादल छा गये है। उ'च न्यायालय नैनीताल में 28 अप्रैल को एनआईओएस डीएलएड की याचिका पर सुनवाई के बाद याचीकर्ताओं को अंतरिम राहत देते हुई अंतिम निर्णय के लिए 13 जून की तिथि रखी गई । जिससे चयनित छात्रों की नियुक्ति पर भी संकट आ सकता है।
यदि 13जून को नैनीताल हाई कोर्ट मेंं सरकार के पक्ष में आता है तो यह भर्ती यथावत चलती रहेगी । फैसला एनआईओएस से डीएलएड वालों के पक्ष में आता है तो यह इस पूरी भर्ती प्रक्रिया के निरस्त हो सकती है। और दुबारा से एनआईओएस डीएलएड वाले छात्रों को शामिल कर मैरिट दुबारा बनाई जायेगी । जिससे चयनित सभी छात्रों जिन्हे ज्वाइनिंग मिल चुकी है उनका चयन भी निरस्त हो जायेगा।
उत्तराखंड में विगत दो ïवर्षो से यह भर्ती कोर्ट के आदेश अनुसार चल रही है। इस भर्ती में नियमावली 2019 के अनुसार पहली प्राथमिकता रेगुलर डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों और उसके बाद बीएड़ को दी गई है (इस नियमावली में एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त छात्रों का उल्लेख नही है) और उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन ( यूबीएसई ) ने राज्य शिक्षक पात्रता परीक्षा ( यूटीईटी ) हो या सीटीईटी इसे अभी तक मान्य नही माना है।
इस
से पहले यह भर्ती कई बार कोर्ट में जा चुकी है । उत्तराखंड हाईकोर्ट ने & मार्च को राज्य सरकार को राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक के पदों की नियु1ित प्रक्रिया में राष्ट्रीय मु1त विद्यालय संस्थान (एनआईओएस) के डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को शामिल करने के निर्देश दिए थे। न्यायालय की खंडपीठ ने इन अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने से रोकने वाले 10 फरवरी 2021 के शासनादेश पर भी रोक लगा दी है। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि केंद्र सरकार ने 16 दिसंबर 2020 तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 6 जनवरी 2021 को जारी आदेशों में एनआईओएस की दूरस्थ शिक्षा पद्धति से डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों को अन्य माध्यमों से प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के समान माना है।
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