देहरादून ’पहाड़ के दूरदराज की छोड़िए, जिला अस्पतालों तक
में डॉक्टरों का इंतजाम कर पाने में नाकाम सरकार ने अपनी जिम्मेदारियों से
हाथ झाड़ना शुरू कर दिया है।
अल्मोड़ा और टिहरी के जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने के टेंडर कर इसकी शुरुआत कर दी गई। सरकार की इस नीति से आने वाले समय में राज्य के गरीब मरीज निजी कंपनियों के रहमोकरम पर निर्भर हो जाएंगे। राज्य के 14 छोटे सीएचसी पहले से निजी कंपनियों को सौंप दिए हैं। अब अल्मोड़ा और टिहरी के जिला अस्पतालों के निजी हाथों में देने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए गए हैं। खास बात यह है कि निजी कंपनियां इन अस्पतालों में सुविधाओं का इंतजाम करने के लिए अपना पैसा नहीं लगाएगी। सरकार यह पैसा विश्व बैंक से ले रही है। अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण और बागेश्वर जिले के बैजनाथ अस्पताल का भी निजीकरण किया जाएगा। अल्मोड़ा के सीएमओ डॉ. केसी भट्ट ने बताया कि विश्व बैंक की टीम तीन निजी कंपनियों के साथ अल्मोड़ा जिला अस्पताल का निरीक्षण कर चुकी है। निजी कंपनियां अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ नर्स और उपचार के उपकरण मुहैया करवाएंगे। ’
अल्मोड़ा और टिहरी के जिला अस्पतालों को निजी हाथों में सौंपने के टेंडर कर इसकी शुरुआत कर दी गई। सरकार की इस नीति से आने वाले समय में राज्य के गरीब मरीज निजी कंपनियों के रहमोकरम पर निर्भर हो जाएंगे। राज्य के 14 छोटे सीएचसी पहले से निजी कंपनियों को सौंप दिए हैं। अब अल्मोड़ा और टिहरी के जिला अस्पतालों के निजी हाथों में देने के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिए गए हैं। खास बात यह है कि निजी कंपनियां इन अस्पतालों में सुविधाओं का इंतजाम करने के लिए अपना पैसा नहीं लगाएगी। सरकार यह पैसा विश्व बैंक से ले रही है। अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण और बागेश्वर जिले के बैजनाथ अस्पताल का भी निजीकरण किया जाएगा। अल्मोड़ा के सीएमओ डॉ. केसी भट्ट ने बताया कि विश्व बैंक की टीम तीन निजी कंपनियों के साथ अल्मोड़ा जिला अस्पताल का निरीक्षण कर चुकी है। निजी कंपनियां अस्पताल में डॉक्टर, स्टाफ नर्स और उपचार के उपकरण मुहैया करवाएंगे। ’
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