नैनीताल : हाई कोर्ट ने ग्राम पंचायत अधिकारी चयन परीक्षा के परिणाम की चार जून को घोषित संशोधित सूची के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
साथ ही सरकार और पंतनगर विश्वविद्यालय को तीन सप्ताह में जबाव देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुंधाशु धुलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अल्मोड़ा निवासी अशोक लोहनी व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार द्वारा 20 जून 2012 को 771 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके परिणाम चार फरवरी 2013 को घोषित किए गए। 1 इसमें याचीकर्ता को 72 अंकों के साथ उत्तीर्ण किया गया था, लेकिन बाद में विभागीय गलतियों के कारण सरकार द्वारा पुन: संशोधित परिणाम घोषित करने को कहा गया था। चार जून 2013 को संशोधित परिणाम घोषित किए गए जिसमें कट आफ मार्क्स का प्रतिशत 35.50 रखा गया था, किंतु याचीकर्ता को उक्त लिस्ट में सफल घोषित नहीं किया गया। याचीकर्ता का कहना था कि अधिकतर सफल अभ्यर्थियों का नाम संशोधित लिस्ट में नहीं है। 1नैनीताल : हाई कोर्ट ने ग्राम पंचायत अधिकारी चयन परीक्षा के परिणाम की चार जून को घोषित संशोधित सूची के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार और पंतनगर विश्वविद्यालय को तीन सप्ताह में जबाव देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुंधाशु धुलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अल्मोड़ा निवासी अशोक लोहनी व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार द्वारा 20 जून 2012 को 771 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके परिणाम चार फरवरी 2013 को घोषित किए गए। 1 इसमें याचीकर्ता को 72 अंकों के साथ उत्तीर्ण किया गया था, लेकिन बाद में विभागीय गलतियों के कारण सरकार द्वारा पुन: संशोधित परिणाम घोषित करने को कहा गया था। चार जून 2013 को संशोधित परिणाम घोषित किए गए जिसमें कट आफ मार्क्स का प्रतिशत 35.50 रखा गया था, किंतु याचीकर्ता को उक्त लिस्ट में सफल घोषित नहीं किया गया। याचीकर्ता का कहना था कि अधिकतर सफल अभ्यर्थियों का नाम संशोधित लिस्ट में नहीं है।
साथ ही सरकार और पंतनगर विश्वविद्यालय को तीन सप्ताह में जबाव देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुंधाशु धुलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अल्मोड़ा निवासी अशोक लोहनी व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार द्वारा 20 जून 2012 को 771 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके परिणाम चार फरवरी 2013 को घोषित किए गए। 1 इसमें याचीकर्ता को 72 अंकों के साथ उत्तीर्ण किया गया था, लेकिन बाद में विभागीय गलतियों के कारण सरकार द्वारा पुन: संशोधित परिणाम घोषित करने को कहा गया था। चार जून 2013 को संशोधित परिणाम घोषित किए गए जिसमें कट आफ मार्क्स का प्रतिशत 35.50 रखा गया था, किंतु याचीकर्ता को उक्त लिस्ट में सफल घोषित नहीं किया गया। याचीकर्ता का कहना था कि अधिकतर सफल अभ्यर्थियों का नाम संशोधित लिस्ट में नहीं है। 1नैनीताल : हाई कोर्ट ने ग्राम पंचायत अधिकारी चयन परीक्षा के परिणाम की चार जून को घोषित संशोधित सूची के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है। साथ ही सरकार और पंतनगर विश्वविद्यालय को तीन सप्ताह में जबाव देने के निर्देश दिए हैं। न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुंधाशु धुलिया की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अल्मोड़ा निवासी अशोक लोहनी व अन्य ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सरकार द्वारा 20 जून 2012 को 771 ग्राम पंचायत विकास अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिसके परिणाम चार फरवरी 2013 को घोषित किए गए। 1 इसमें याचीकर्ता को 72 अंकों के साथ उत्तीर्ण किया गया था, लेकिन बाद में विभागीय गलतियों के कारण सरकार द्वारा पुन: संशोधित परिणाम घोषित करने को कहा गया था। चार जून 2013 को संशोधित परिणाम घोषित किए गए जिसमें कट आफ मार्क्स का प्रतिशत 35.50 रखा गया था, किंतु याचीकर्ता को उक्त लिस्ट में सफल घोषित नहीं किया गया। याचीकर्ता का कहना था कि अधिकतर सफल अभ्यर्थियों का नाम संशोधित लिस्ट में नहीं है।
Idhar v ye log pahle soch rahe honge ki...kuchh corruption kare. thik kiya ki Rok laga di.
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