टीईटी-एक और टीईटी-दो के लिए अलग-अलग शुल्क की वसूली अब
नहीं होगी। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने टीईटी आवेदकों की मांग के
मद्देनजर यह निर्देश दिए हैं।
निर्देशों के मद्देनजर महकमे ने इस संबंध में पत्रावली तैयार कर मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है।
कक्षा एक से पांचवीं और छठवीं से आठवीं के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अब क्रमश: टीईटी-एक और टीईटी-दो पास करना अनिवार्य है। एनसीटीई की इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया गया है। लंबे अरसे से हीलाहवाली के बाद शिक्षा महकमे ने बीती 27 दिसंबर से टीईटी-एक और टीईटी-दो के परीक्षा फार्मो की बिक्री शुरू कर दी। प्रदेश के तकरीबन 40 प्रमुख डाकघरों के माध्यम से फार्म बेचे जा रहे हैं। दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है। अलग-अलग शुल्क लेने का बेरोजगार युवा विरोध कर रहे हैं। विरोध के चलते मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने दोनों परीक्षाओं में बैठने के इच्छुक अभ्यर्थियों से एक ही परीक्षा शुल्क लेने के निर्देश दिए हैं। विधायक सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश जारी करने की जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री के निर्देशों को देखते हुए महकमे की ओर से भी उक्त संबंध में पत्रावली उनके अनुमोदन के लिए भेजी गई है। अपर सचिव पीएस जंगपांगी ने पत्रावली भेजने की पुष्टि की। इसमें दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क तय करने की मौजूदा व्यवस्था का ब्योरा भी दिया गया है। एक फार्म का शुल्क 640 रुपये है। उधर, परीक्षा फार्म नौ दिन से बंटने रहे हैं, जबकि फार्म जमा करने की अंतिम तारीख में महज नौ दिन शेष हैं। बीच में की जाने वाली इस व्यवस्था से गफलत उत्पन्न हो गई है। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अलग-अलग शुल्क देकर परीक्षा फार्म जमा करा चुके अभ्यर्थियों की संख्या काफी बताई जा रही है। नई परिस्थिति में महकमे के समक्ष पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों का शुल्क लौटाने की चुनौती होगी। बीच में की जाने वाली इस व्यवस्था का असर परीक्षा पर भी पड़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा है।
उधर, टीईटी की व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद में जुटे शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी मुख्यमंत्री के स्तर पर की जा रही पहल से अनजान हैं। टिहरी जिले के दौरे पर शिक्षा मंत्री से जब दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने एक ही परीक्षा शुल्क लेने के मुख्यमंत्री के निर्देश की जानकारी से इंकार किया। उन्होंने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी। दो परीक्षा का शुल्क दे चुके अभ्यर्थियों के बारे में भी फैसले में दिक्कतें आएंगी।जागरण ब्यूरो, देहरादून:
निर्देशों के मद्देनजर महकमे ने इस संबंध में पत्रावली तैयार कर मंजूरी के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है।
कक्षा एक से पांचवीं और छठवीं से आठवीं के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अब क्रमश: टीईटी-एक और टीईटी-दो पास करना अनिवार्य है। एनसीटीई की इस व्यवस्था को प्रदेश में लागू किया गया है। लंबे अरसे से हीलाहवाली के बाद शिक्षा महकमे ने बीती 27 दिसंबर से टीईटी-एक और टीईटी-दो के परीक्षा फार्मो की बिक्री शुरू कर दी। प्रदेश के तकरीबन 40 प्रमुख डाकघरों के माध्यम से फार्म बेचे जा रहे हैं। दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क लिया जा रहा है। अलग-अलग शुल्क लेने का बेरोजगार युवा विरोध कर रहे हैं। विरोध के चलते मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने दोनों परीक्षाओं में बैठने के इच्छुक अभ्यर्थियों से एक ही परीक्षा शुल्क लेने के निर्देश दिए हैं। विधायक सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश जारी करने की जानकारी दी गई।
मुख्यमंत्री के निर्देशों को देखते हुए महकमे की ओर से भी उक्त संबंध में पत्रावली उनके अनुमोदन के लिए भेजी गई है। अपर सचिव पीएस जंगपांगी ने पत्रावली भेजने की पुष्टि की। इसमें दोनों परीक्षाओं के लिए अलग-अलग शुल्क तय करने की मौजूदा व्यवस्था का ब्योरा भी दिया गया है। एक फार्म का शुल्क 640 रुपये है। उधर, परीक्षा फार्म नौ दिन से बंटने रहे हैं, जबकि फार्म जमा करने की अंतिम तारीख में महज नौ दिन शेष हैं। बीच में की जाने वाली इस व्यवस्था से गफलत उत्पन्न हो गई है। मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक अलग-अलग शुल्क देकर परीक्षा फार्म जमा करा चुके अभ्यर्थियों की संख्या काफी बताई जा रही है। नई परिस्थिति में महकमे के समक्ष पहले आवेदन कर चुके अभ्यर्थियों का शुल्क लौटाने की चुनौती होगी। बीच में की जाने वाली इस व्यवस्था का असर परीक्षा पर भी पड़ने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा रहा है।
उधर, टीईटी की व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद में जुटे शिक्षा मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी मुख्यमंत्री के स्तर पर की जा रही पहल से अनजान हैं। टिहरी जिले के दौरे पर शिक्षा मंत्री से जब दूरभाष पर संपर्क किया गया तो उन्होंने एक ही परीक्षा शुल्क लेने के मुख्यमंत्री के निर्देश की जानकारी से इंकार किया। उन्होंने कहा कि इस बाबत मुख्यमंत्री से वार्ता की जाएगी। दो परीक्षा का शुल्क दे चुके अभ्यर्थियों के बारे में भी फैसले में दिक्कतें आएंगी।जागरण ब्यूरो, देहरादून:
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