Thursday, 14 October 2010

नियुक्तियों का पिटारा

प्रदेश में एक बार फिर शिक्षा महकमे में रिक्त सैकड़ों पदों पर नियुक्तियों का पिटारा खुल गया है। प्रशिक्षित बेरोजगार युवा लंबे अरसे से एलटी शिक्षकों के पदों पर नियुक्तियों की बाट जोह रहे हैं। तकरीबन चार महीने की कड़ी मशक्कत के बाद नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। हालांकि, इस प्रक्रिया में आवेदन तो मांगे गए, लेकिन रिक्त पदों का ब्योरा नहीं दिया गया। इस संबंध में शिक्षा महकमे को एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नत किए गए शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने का इंतजार है। इसके बाद रिक्त पदों में इजाफा हो सकता है। एक बार पदों की संख्या विज्ञापित करने के बाद उसमें संशोधन को काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है। सरकार ने नियुक्ति के साथ ही महकमे में पदोन्नति की राह भी साफ कर दी है। निदेशक से लेकर अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक, उप निदेशक और प्रधानाचार्यों के पद काफी संख्या में रिक्त हैं। पदोन्नति के लिए तय समय सीमा में पचास फीसदी छूट देने के कैबिनेट के निर्णय से शिक्षा महकमे को लाभ मिलना तय है। अभी महकमे में विभिन्न स्तरों पर चुस्त-दुरुस्त मुआयने की कमी महसूस की जा रही है। इससे प्राइमरी से लेकर माध्यमिक स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता पर असर तो पड़ा ही, शिक्षा से संबंधित राष्ट्रीय परियोजनाओं के क्रियान्वयन की गति मंद हो रही है। इसके मद्देनजर पदोन्नति और नियुक्ति को लेकर सरकार का फैसला अच्छा कदम है लेकिन ऐसे कदमों के बेहतर परिणाम तब ही दिखेंगे, जब उन पर सूझबूझ के साथ ही जल्द अमल किया जाए। पिछले कुछ अरसे से शिक्षा के क्षेत्र को खासी तवज्जो दी गई है। तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा के साथ विद्यालयी शिक्षा को लेकर हाल ही में लिए गए फैसलों ने इन क्षेत्रों में शैक्षिक सुधार की उम्मीदें बढ़ाई हैं। स्कूल गवर्नेंस के लिए शिक्षकों, अभिभावकों के मध्य संवाद को सशक्त करने की जरूरत भी है। विभिन्न योजनाओं में इसका प्रावधान है, लेकिन उन पर अमल को लेकर संजीदगी दिखाई नहीं दे रही। सरकार को चाहिए कि इस मामले में शिक्षा से जुड़े महकमों की कार्यप्रणाली में बुनियादी बदलाव पर भी ध्यान दे, ताकि प्रदेश में मानव संसाधन की कमी जल्द पूरी की जा सके। -

1 comment:

  1. 'पहाड़' नैनीताल से निकलने वाली अनियतकालीन पुस्तक है और एक संस्था भी. पिथोरागढ़ से भी एक त्रैमासिक पत्रिका प्रकाशित होती थी 'आज का पहाड़'. परन्तु आपका 'पहाड़ 1' ब्लॉग उनसे पृथक है और समाज के लिए सार्थक भी. राकेश जी, आपका यह प्रयास समाज को काफी कुछ दे सकता है. बस आपसे गुज़ारिश है इसे नियमित बनाये रखें.

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