वहाँ घरों में ताले नहींहोतेक्योंकि
किवाड़ों में कुण्डे नहीं होतेवहाँ खटखटाना शब्द भी नहीं होताक्योंकि
लोग अपने पहुँचने से भी पहलेबतियाने लगते हैं देहरी में बैठकरवहाँ चोरियाँ नहीं होतींक्योंकि
वहाँ तिजोरियाँ नहीं होतींकभी-कभी रात मेंकिवाड़ों पर अवरोध डाल दिये जाते हैंक्योंकि वहाँ बाघ होते हैंमगर अब वहाँ कुण्डे और ताले बिकने लगे हैं क्योंकि अब वहाँ शहरी दिखने लगे हैं
Wednesday, 24 September 2008
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