Monday 7 January 2019

भाजपा सरकार का बड़ा दांव, कैबिनेट ने सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए मंजूर किया 10% आरक्षण

आरक्षण पर केंद्र सरकार ने बड़ा दांव चला है। कैबिनेट मीटिंग में आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण पर मुहर लगा दी है। ऐसे में आरक्षण का कोटा 49.5 प्रतिशत से 59.5 प्रतिशत हो जाएगा।

  • सामान्य वर्ग के गरीबों नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण का है प्रस्ताव
  • आरक्षण का कोटा 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 59.5 प्रतिशत किया जाएगा
  • 8 लाख रुपये से कम सालाना आमदनी वाले आरक्षण के दायरे में आएंगे
  • सरकार को आरक्षण लागू करवाने के लिए संविधान में करना होगा संशोधन
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा दांव चलते हुए सामान्य वर्ग के गरीबों के लिए सरकारी नौकरी और शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को पास किया गया।
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क्या है आरक्षण का नया फॉर्म्युलासूत्रों के मुताबिक आरक्षण का कोटा मौजूदा 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 59.5 प्रतिशत किया जाएगा। इसमें से 10 फीसदी कोटा आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए होगा। बता दें कि लंबे समय से आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण की मांग की जा रही थी।
आरक्षण की क्या हैं शर्तेंमीडिया रिपोर्ट की मानें तो जिन लोगों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये सालाना से कम है उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा। इसके साथ ही इसके लिए शहर में 1000 स्क्वेयर फीट से छोटे मकान और 5 एकड़ से कम की कृषि भूमि की शर्त भी रखे जाने की खबरें हैं।
लोकसभा चुनाव में मिलेगा फायदा?बता दें कि बीते दिनों एससी/एसटी ऐक्ट पर मोदी सरकार के फैसले के बाद सवर्ण जातियों में नाराजगी और हाल के विधानसभा चुनाव में तीन राज्‍यों में मिली हार के मद्देनजर इसे सवर्णों को अपने पाले में लाने की कोशिश के तौर पर देखा जा सकता है।
सबसे बड़ा सवालकेंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 10 फीसदी कोटे का प्रस्ताव तो पास कर दिया है, लेकिन इसे लागू करवाने की डगर अभी काफी मुश्किल है। सरकार को इसके लिए संविधान में संशोधन करना होगा। इसके लिए उसे संसद में अन्य दलों के समर्थन की भी जरूरत होगी। कैबिनेट से यह प्रस्ताव मंजूर होते ही कांग्रेस, एनसीपी और आम आदमी पार्टी ने इसका समर्थन किया है।

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