Wednesday 25 January 2012

सात समंदर पार भी मतदान की ललक

देहरादून। -परदेस जा बसने के बाद भी उत्तराखंडियों का अपनी माटी से लगाव कम नहीं हुआ है। शायद यही वजह है कि ‘अपने मुल्क’ में मतदान है तो दिल उनके भी बेचैन हैं। उनकी यह बेचैनी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर झलक भी रही है। कोई अपनेपन की डोर में बंधा सात समंदर पार से ही कन्वेसिंग कर रहा है तो कोई यहां की पल-पल की गतिविधियों पर नजर गड़ाए अपने कमेंट्स से बौद्धिक अलख जगा रहा है। दूर देश जा बसे कुछ मतदाता ज्यादा जागरूक हैं, उन्होंने मतदान के लिए निर्वाचन कार्यालय में संपर्क किया है। वे यहां आकर वोट भी डालेंगे।

चुनाव में मतदान करने के प्रति लोगों का रुझान देश में भले ही घट रहा है, मगर सात समंदर पार बैठे एनआरआई को अपने इस अधिकार की महत्ता समझ में आने लगी है। इस बार विधानसभा चुनाव में मतदान करने के लिए सात अप्रवासी उत्तराखंडियों ने रुचि दिखाई है। इन्होंने यहां से मतदाता सूची में अपना नाम भी डलवा लिया है।
हजारों की संख्या में उत्तराखंडी अमेरिका, जापान व यूरोपीय देशों में रह रहे हैं। रोजी-रोजगार के लिए विदेश गए इन लोगों की भी राज्य की राजनीति में दिलचस्पी बढ़ने लगी है। वे भी यहां सरकार चुनने में अपनी भागीदारी बनाने में लग गए हैं।
इस बार सात उत्तराखंडी एनआरआई ने मतदान करने की इच्छा निर्वाचन आयोग से जताई है।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि वोट बनवाने वाले सातों एनआरआई उत्तराखंडी टिहरी गढ़वाल के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि मतदान वाले दिन वे अपने-अपने मतदान केंद्रों पर पहुंच कर मतदान में हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि सभी व्यस्कों को अपना नाम मतदाता नामावली में शामिल कराना चाहिए, साथ ही मतदान में भागीदारी निभानी चाहिए।
• शेषमणि शुक्ल(अमर उजाला देहरादून)

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