Sunday 13 November 2011

उद्योगो का पहाड़ होगा उत्तराखंड

देहरादून-प्रदेश कैबिनेट ने पर्वतीय उद्योग नीति में संशोधन करते हुए पहाड़ों में औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का फैसला किया है। इसके तहत पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों के विकास के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा। इन क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को 30 फीसद अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा कैबिनेट ने राज्य और जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष और सदस्यों के मानदेय में वृद्धि, मैदानी क्षेत्रों के लिए स्टोन क्रशर नीति घोषित, भवन निर्माण के लिए नए बायलॉज लागू, नई खनन नीति को मंजूरी, करगिल शहीदों के आश्रितों के वाषिर्क भत्ते में बढ़ोतरी तथा भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए दी जा रही छात्रवृत्ति को दोगुना करने का भी फैसला किया है।
शनिवार को सचिवालय में आयोजित मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों के लिए वर्ष 2008 में बनाई गई उद्योग नीति में संशोधन कर दिया गया है। पर्वतीव क्षेत्रों में उद्योग स्थिापित करने के लिए सिडकुल के सहयोग से पहाड़ो में औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाएंगे। यहां स्थापित उद्योगों को 30 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसके साथ ही मैदानी क्षेत्र के लिए स्टोन क्रशर नीति लागू की गई है। इसके तहत अब स्टोन क्रशर स्थापित करने के लिए आवेदन शुल्क निर्धारित किया गया है। इसके लिए न्यूनतम 5 एकड़ भूमि अनिवार्य की गई है और नदी तल के 500 मीटर दूरी पर ही स्थापित हो पाएंगे। राज्य और जिला उपभोक्ता फोरम में अध्यक्ष व सदस्यों के मानदेय में वृद्धि की गई है। पूर्णकालिक जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष का मानदेय जिला जज के वेतनमान के बराबर किया गया है। अंशकालिक अध्यक्ष का मानदेय 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है, जबकि मकान किराया 800 से बढ़ाकर 2400 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इसी प्रकार जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्यों में अंशकालिक सदस्यों का मानदेय 150 से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन तथा पूर्णकालिक सदस्यों का मानदेय 4000 से बढ़ाकर 10,176 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इन सदस्यों को मकान किराए 600 रुपये मिलता था, उसे भी बढ़ाकर अब 1800 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। इसी प्रकार राज्य उपभोक्ता फोरम में पूर्णकालिक अध्यक्ष को हाईकोर्ट के जज के समान वेतन और अंशकालिक अध्यक्ष का मानदेय 250 से बढ़ाकर 500 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इसमें तैनात पूर्णकालिक सदस्यों का मानदेय 6,000 से बढ़ाकर 15,262 रुपये प्रतिमाह और अंशकालिक सदस्यों का मानदेय 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है। सदस्यों के लिए मकान किराए में 1500 रुपये से वृद्धि करते हुए 3,000 रुपये प्रतिमाह निर्धारित कर दिया है। उत्तराखंड में भवन निर्माण के लिए एक समान नियम लागू करने की दृष्टि से एकीकृत भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2011 तैयार की गई है। इसके तहत अब ग्रुप हाउसिंग गिलानी पर.. में मदद नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा, मैं विास कर सकता हूं कि पाकिस्तान में एक लोकतांत्रिक सरकार है। हमें इस लोकतांत्रिक सरकार के हाथ मजबूत करने चाहिए। सिंह ने कहा, द्विपक्षीय संबंधों और व्यापार को सामान्य बनाने तथा आतंकवाद संबंधी मुद्दों पर आगे बढ़ने की अपनी इच्छा को लेकर मैं सोचता हूं कि गिलानी के रूप में पाकिस्तान के पास ऐसा प्रधानमंत्री है जो हमारे साथ काम करने को तैयार है। गिलानी पर विास करने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री ने कहा, ऐसा नहीं है कि हम किसी पर आंख मूंद कर विास कर रहे हैं चाहे वह कितना ही समझदार व्यक्ति क्यों न हो। प्रधानमंत्री गिलानी और मैं संबंधों को सामान्य बनाने में विास करते हैं। उन्होंने कहा कि वह और गिलानी इस बात पर सहमत थे कि वार्ता का दूसरा दौर शुरू होना चाहिए और जिस तरह पाकिस्तान ने भारत को सर्वोच्च तरजीह वाले देश का दर्जा देकर अपने परिवर्तित दृष्टिकोण का परिचय दिया है और वह आतंकवाद सहित सभी मुद्दों पर बातचीत को इच्छुक है, ऐसे में व्यापार संबंध के विकास के लिए वार्ता का दूसरा दौर आवश्यक है। उन्होंने कहा, मैं माले से इस उम्मीद के साथ लौटा हूं कि पाकिस्तान के साथ वार्ता का दूसरा दौर शीघ्र ही शुरू होगा। लेकिन उस बातचीत का क्या परिणाम होगा, मैं फिलहाल नहीं कह सकता क्योंकि भारत-पाक संबंध घटनाओं से प्रभावित होते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान भारत में एक न्यायिक आयोग भेजने पर राजी है और उसकी यात्रा की रूपरेखा तैयार की जा रही है और उसके बाद मेरी उम्मीद है कि कुछ प्रगति होगी। उनके और गिलानी के ‘नया अध्याय’ शुरू करने के बयान पर पूछे जाने पर सिंह ने कहा, नियंतण्ररेखा के पार विास बहाली के अन्य उपायों के साथ ही व्यापार उदारीकरण एक बहुत बड़ा उत्साहवर्धक कदम हो सकता है और नियंतण्ररेखा के पार के लोगों के जीवन में सुधार आ सकता है। सिंह ने यह भी कहा कि पाकिस्तान मानता है कि आतंकवाद को सरकारी नीति बनाने को दुनिया में कोई स्वीकार नहीं करेगा और इससे किसी भी समस्या का हल नहीं होगा। उन्होंने कहा, आतंकवाद ने पाकिस्तान की छवि को नुकसान पहुंचाया है। ‘अफस्पा’ पर तटस्थ फैसला होगा : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (अफस्पा) को राज्य से आंशिक रूप से हटाने की मांग पर सुरक्षा बलों से जुड़े पक्ष तटस्थ भाव से विचार विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा, मैं मांग को लेकर स्थितियों पर सचेत हूं। सुरक्षा से जुड़े सभी लोगों और सुरक्षा बलों के प्रबंधन से संबंध रखने वालों को बैठकर तटस्थ भाव से विचार विमर्श करना चाहिए। प्रधानमंत्री उमर की इस मांग के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे कि राज्य के कुछ क्षेत्रों से अफस्पा को हटाया जाना चाहिए। राहुल कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बनें तो स्वागत : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वह राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने का स्वागत करेंगे। जब सिंह से पूछा गया कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष का पद ग्रहण करने जा रहे हैं, जैसी कि अटकलें हैं, उन्होंने कहा, यह पार्टी का मामला है। मैं पार्टी के बारे में कुछ नहीं कह सकता। लेकिन यदि राहुल कोई जिम्मेदारी संभालते हैं तो मैं उसका स्वागत करूंगा। तेलंगाना पर फैसला सर्वसम्मति से : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि तेलंगाना पर निर्णय सर्वसम्मति के आधार पर किया जाएगा और जल्दबाजी में कोई भी कदम नहीं उठाया जाएगा। उन्होंने कहा, तेलंगाना एक जटिल मामला है। हम सर्वसम्मति चाहते हैं यानी सभी पक्षी सोचें कि क्या सर्वश्रेष्ठ है। हम तेलंगाना पर सहमत होकर इस मुद्दे का हल नहीं कर सकते। अन्य क्षेत्रों में अशांति है। सिंह ने कहा, जहां तक उपयुक्त हल की बात है, तो हम व्यावहारिक तौर तरीके ढूंढ़ने का प्रयास करेंगे ताकि सभी पक्षों को वह हल स्वीकार्य हो। पहाड़ों में उद्योगों.. परियोजनाओं में ईडब्लूएस में दस प्रतिशत व एलआईजी में 15 प्रतिशत भवन का निर्माण अनिवार्य किया गया है। यही नहीं गंगोत्री-यमानोत्री में भवनों की ऊंचाई 6.5 मीटर से बढ़ाकर बदरीनाथ व केदारनाथ की भांति बढ़ाकर 8.5 मीटर कर दी है। साथ ही नई खनन नीति लागू कर दी गई है। इसके तहत गढ़वाल मंडल विकास निगम व कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा पट्टे अब सबलेट नहीं किए जाएंगे। जिन पट्टों में निगम काम नहीं करेंगे उन्हें निलाम कर दिया जाएगा। बाढ़ आदि से जिस व्यक्ति की जीमन पर खन्न सामाग्री आएगी उसके चुगान का पहला अधिकार उसी व्यक्ति को दिया गया है। एक व्यक्ति को अधिकत्म पांच हेक्टेयर का व एक से अधिक पट्ट अलाट किया जाएगा। खन्न कार्य पर विकसित करने के लिए खनिज विकास निगम की स्थापना की जाएगी। इसके अतिरिक्त कागरिल शहीदों के माता-पिता व विधवाओं को मुख्यमंत्री सहायता कोष से प्रतिवर्ष दी जाने वाली सहायता राशि में बढ़ोतरी की गई है। शहीद की विधवा की सहायता राशि 5,000 से बढ़ाकर 7,500 और माताप्िाता की सहायता राशि 2,500 से बढ़ाकर 5,000 रुपये प्रतिवर्ष की गई है। वर्तमान में कारगिल शहीद 42 विधवाएं और 153 माता-पिता हैं। इसके साथ ही राज्यपाल की अध्यक्षता में गठित सैनिक पुर्नावास संस्था की ओर से उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे भूतपूर्व सैनिकों के बच्चों के लिए दी जाने वाली छात्रवृत्ति में दो गुना वृद्धि की गई है। इनमें उच्च शिक्षा के लिए पहले 12,000 से बढ़ाकर 24,000 और पीएचडी करने वालो के लिए 10,000 से बढ़ाकर 20,000 रुपये छात्रवृत्ति की गई है। अब विद्यार्थी.. भ्रष्टाचार निरोधक इकाइयों के अफसरों को स्कूल और कालेजों में जाकर विद्यार्थियों में केंद्रीय संस्थानों में भ्रष्टाचार के विरुद्ध जागरूकता फैलाने को कहा है। जागरूकता अभियान के लिए सीबीआई की भ्रष्टाचार निवारण इकाइयां विद्यालयों से संपर्क करने में भी जुटी हैं। लखनऊ के केंद्रीय विद्यालयों में तो यह अभियान शुरू कर दिया गया है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड इकाइयों के सीबीआई के संयुक्त निदेशक जावेद अहमद जल्द ही उत्तराखंड के केंद्रीय विद्यालयों और हेमवती नंदर बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विविद्यालय में अभियान शुरू करेंगे। इस अभियान के दौरान विद्यार्थियों को सीबीआई अफसरों को फोन नंबर, मोबाइल नंबर और ई-मेल भी दिए जाएंगे ताकि भ्रष्टाचार के मामलों की जानकारी वे सीबीआई को दे सकें। गरीब महिलाओं.. योजना में गढ़वाल मंडल विकास निगम, इंडियन आयल कारपोरेशन और महिला सशक्तीकरण विभाग का महत्वपूर्ण योगदान है। गढ़वाल मंडल में गैस संयोजन गढ़वाल मंडल विकास निगम के सहयोग से वितरित किए जाएंगे। कनेक्शन बांटने में बीपीएल और एससी, एसटी वर्ग की महिलाओं को प्राथमिकता मिलेगी। एक हजार एलपीजी कनेक्शन वित्तपोषित श्रेणी में रखे गए हैं। पहले चरण में तीन सौ कनेक्शन बांटे जायेंगे। बैंक प्रबंधक जगदीश कुमार के अनुसार सभी शाखाओं में निर्देश जारी कर दिए गए हैं। गैस कनेक्शन मुहैया होने पर गरीब परिवारों की ग्रामीर महिलाओं को ईधन के लिए कमरतोड़ मेहनत नहीं करनी पड़ेगी।

मैदानी क्षेत्रों के लिए स्टोन क्रशर नीति घोषित भवन निर्माण के लिए नए बायलॉज लागू नई खनन नीति को हरी झंडी करगिल शहीदों के आश्रितों के वाषिर्क भत्ते में भी बढ़ो तरी भूतपूर्व सैनिकों के आश्रितों की छात्रवृत्ति दोगुनी कैबिनेट के फैसले

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