Saturday 9 July 2011

उत्तराखंड में बीएड हुआ महंगा


सूबे में बीएड की पढ़ाई तकरीबन 40 फीसदी महंगी हो गई है। सरकार ने निजी बीएड कालेजों में सरकारी कोटे की फीस सालाना 30 हजार रुपये से बढ़ाकर 42 हजार रुपये की है। मैनेजमेंट कोटे की फीस में 15 हजार रुपये प्रति सीट बढ़ाई गई है। अलबत्ता, सेल्फ फाइनेंस बीएड चला रहे 17 सरकारी कालेजों की फीस में फिलहाल बढ़ोत्तरी नहीं की गई है।
प्रदेश के दस निजी बीएड कालेजों में सरकारी, मैनेजमेंट के साथ ही एनआरआइ कोटे की फीस में भी वृद्धि की गई है। उक्त कालेजों ने फीस बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। शासन स्तर पर गठित फीस निर्धारण समिति ने उक्त प्रस्ताव को मंजूर किया। उक्त कालेजों के लिए तीन वर्ष की अवधि के लिए फीस तय की गई है। शिक्षा सचिव मनीषा पंवार ने इस बाबत शासनादेश जारी किया। इसके तहत सरकारी कोटे की फीस 42 हजार, मैनेजमेंट कोटे की फीस 55 हजार और एनआरआइ कोटे की फीस 75 हजार तय की गई।
इन कालेजों में सूरजमल अग्रवाल प्राइवेट कन्या महाविद्यालय बीएड, किच्छा, चंद्रावती तिवारी कन्या महाविद्यालय काशीपुर, श्री गुरु नानक प्राइवेट कन्या पीजी कालेज नानकमत्ता, देवभूमि
इंस्टीट्यूट आफ वोकेशनल एजुकेशन फार वूमेन, रुद्रपुर, द्रोण बीएड कालेज फार वूमेन, रुद्रपुर (उधमसिंहनगर), जय अरिहंत कालेज आफ टीचर एजुकेशन हल्दूचौड़, प्रजेंटेशन कालेज आफ टीचर एजुकेशन तुलसीनगर दमुआढुंगा काठगोदाम व लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय हल्दूचौड़ (नैनीताल) और सल्ट इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट सल्ट (अल्मोड़ा) शामिल हैं। शासनादेश में उक्त फीस के अलावा अन्य फीस नहीं लेने की सख्त हिदायत दी गई है। अन्य फीस को कैपिटेशन फीस मानकर संबंधित कालेज के खिलाफ कार्रवाई होगी। फीस निर्धारण संबंधी शासनादेश दाखिला लेने वाले सभी छात्र-छात्राओं को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराया जाएगा।

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