Friday 30 April 2010

-नंबर वन की दौड़ में उत्तराखंड सबसे आगे

- दो जिलों का डाटा पहुंचते ही तैयार हो जाएगा स्टेट रजिस्टर - सेंट्रल सर्वर से देखी जा सकेगी चालक व वाहन की जन्मकुंडली Pahar1-: यदि सब कुछ ठीकठाक रहा तो उत्तराखंड देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जिसका अपना स्टेट रजिस्टर होगा। इस स्टेट रजिस्टर में 'सारथीÓ (लाइसेंस संबंधी साफ्टवेयर) व 'वाहनÓ (वाहनों के रजिस्ट्रेशन संबंधी साफ्टवेयर) शामिल हैं। यह रजिस्टर सेंट्रल सर्वर से जुड़ा रहेगा। इसके जरिए कहीं भी बैठकर वाहन व चालक की पूरी जन्मकुंडली बांची जा सकेगी। उत्तराखंड का संपूर्ण डाटा नेशनल इंफारमेटिक सेंटर (एनआईसी) को भेजा जा रहा है। एनआईसी ही विधिवत रूप से इस बात की घोषणा करेगा कि कौन सा राज्य स्टेट रजिस्टर तैयार करने में नंबर वन है। केंद्र में लंबे समय से एक नेशनल रजिस्टर तैयार करने की कवायद चल रही है। इसके तहत हर प्रदेश के वाहनों की जानकारी एक ही जगह से देखी जा सकेगी। इसी के तहत केंद्र ने हर प्रदेश को अपना स्टेट रजिस्टर तैयार करने के निर्देश दिए थे। पहले वाहनों का पंजीकरण कर उन्हें एक रजिस्टर में चढ़ाया जाता था। पहले अन्य प्रदेशों से किसी वाहन के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिए पत्राचार के जरिए जानकारी हासिल की जाती थी। देश में आतंकी घटनाएं बढऩे के बाद वाहनों के लिए एक नेशनल रजिस्टर बनाए जाने पर जोर दिया गया, जिससे ही कहीं भी वाहन व चालक पर मिले प्रपत्रों के हिसाब से उसकी सही जानकारी प्राप्त की जा सके। इसके तहत सबसे पहले 'वाहनÓ साफ्टवेयर तैयार किया गया, जिसमें वाहन के रजिस्ट्रेशन संबंधी जानकारी डाली जाती है। इसके बाद 'सारथीÓ साफ्टवेयर डेवलेप किया गया। इसमें लाइसेंस बनाते समय लाइसेंस धारक के विषय में सभी जानकारियां डालने के अलावा उसकी अंगुलियां के निशान तक अंकित होते हैं। ये उन्हीं कार्यालयों में लगा है जो पूर्णत कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं। इन कार्यालयों में अब वाहनों का रजिस्ट्रेशन व लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया इसी साफ्टवेयर के तहत होती है। सूबे में संभागीय और उप संभागीय कार्यालय मिलाकर कुल 15 कार्यालय हैं। यह सभी कार्यालय कंप्यूटरीकृत हो चुके हैं। ऐसे में इन सभी कार्यालयों से 'वाहनÓ व 'सारथीÓ साफ्टवेयर का डाटा कलेक्ट कर एनआईसी को भेजा जा रहा है। अब सिर्फ पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा का डाटा एनआईसी तक पहुंचना शेष है। डाटा तैयार है और एक दो दिनों में एनआईसी को भेज दिया जाएगा। एनआईसी को यह संपूर्ण डाटा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा। हिमाचल प्रदेश भी उत्तराखंड से ज्यादा पीछे नहीं है, लेकिन अभी तक हिमाचल एनआईसी को पूरा डाटा उपलब्ध कराने में सफल नहीं हो पाया है। ऐसे में उत्तराखंड का ऐसा पहला राज्य बनना तय है, जिसका अपना स्टेट रजिस्टर होगा। सचिव परिवहन व परिवहन आयुक्त एस रामास्वामी का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि उत्तराखंड ऐसा करने वाला पहला राज्य होगा। उन्होंने कहा कि इतने कम संसाधनों में ऐसा करना अपने आप में एक बड़ा कार्य है। उन्होंने कहा कि दो जिलों का डाटा भी इसी सप्ताह भेज दिया जाएगा।

No comments:

Post a Comment