Tuesday 20 April 2010

-अब 24 हजार में डाक्टरी की पढ़ाई

-हरिद्वार में ईसीएसआई के मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल का रास्ता साफ -सस्ते एमबीबीएस को भरना होगा पांच साल ईसीएसआई सेवा का बांड -कालेज की सौ में से 40 उत्तराखंड व 20 सीट कर्मचारियों के बच्चों के लिए -राज्य सरकार ने केंद्र को भेज दिया 35 एकड़ भूमि उपलब्धता का प्रस्ताव देहरादून- दो साल तो लगे मगर केंद्र की दयानतदारी के बाद अब राज्य सरकार ने भी मेहरबानी दिखा ही दी। इससे जल्द ही सूबे के निम्न आय वर्ग के डाक्टर बनने को लालायित मेधावी छात्रों की बल्ले-बल्ले होनी तय है। यह संभव होगा राज्य में ईसीएसआई (कर्मचारी राज्य बीमा निगम) के मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल के खुलने से, जिसमें महज 24 हजार रुपए सालाना में ही एमबीबीएस की पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध होगी। वर्ष 2008 में केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड में ईसीएसआई मेडिकल कालेज एवं हास्पिटल खोलने की स्वीकृति दी थी। अन्य राज्यों में तो इन मेडिकल कालेजों की स्थापना की प्रक्रिया काफी आगे बढ़ चुकी है लेकिन उत्तराखंड में मामला केंद्र व राज्य सरकारों के दांवपेेच में फंसकर लटक गया। दरअसल, केंद्र सरकार को इस योजना के तहत राज्य सरकारों को धन उपलब्ध कराना है तो मेडिकल कालेज व हास्पिटल खोलने के लिए भूमि की उपलब्धता की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। पिछले दो सालों के दौरान राज्य में कुछ जगह जमीन तय की गई लेकिन फिर प्रपोजल रिजेक्ट कर दिए गए। तब से इस मेडिकल कालेज को लेकर खींचतान चल रही है। कभी इसे हरिद्वार तो कभी देहरादून या गढ़वाल के किसी अन्य जिले में ले जाए जाने की बात राजनीतिक हलकों में चलती रही। अब जाकर यह तय हो गया है कि ईसीएसआई का मेडिकल कालेज व हास्पिटल हरिद्वार जिले में खोला जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ईसीएसआई को हरिद्वार में सिडकुल औद्योगिक क्षेत्र के पास अस्पताल खोलने को पांच एकड़ भूमि मिली थी और अब राज्य सरकार इसी भूमि के पास मेडिकल कालेज के लिए 30 एकड़ भूमि भी मुहैया कराने को तैयार हो गई है। इतनी भूमि की उपलब्धता पर पर वहां डेंटल कालेज और नर्सिंग कालेज भी अस्तित्व में आ जाएगा। एक हजार करोड़ की लागत वाले इस मेडिकल कालेज व हास्पिटल के अस्तित्व में आने पर डॉक्टर बनने की ख्वाहिश पाले उत्तराखंड के युवाओं का खासा लाभ मिलेगा। यहां एमबीबीएस की फीस मात्र 24 हजार प्रतिवर्ष होगी। अलबत्ता इस कालेज से निकलने वाले डाक्टरों से पांच साल का बांड भराया जाएगा कि वे इस अवधि में ईसीएसआई की सेवा करेंगे। कालेज में 40 फीसदी कोटा उत्तराखंड, 40 फीसदी सीपीएमटी और 20 फीसदी कोटा कर्मचारी वर्ग के बच्चों के लिए निर्धारित होगा। उल्लेखनीय है कि राज्य के सरकारी मेडिकल कालेज पंद्रह हजार सालाना में एमबीबीएस की पढ़ाई करा रहे हैं। जाहिर है, अब सस्ती मेडिकल पढ़ाई के मौके बढऩे से उत्तराखंड को फायदा होगा और चरमराती स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने में खासी मदद मिलेगी। ----- ''राज्य में जल्द ही ईसीएसआई का मेडकिल कालेज व हास्पिटल अस्तित्व में आ जाएगा। हम चाहते हैं कि इसकी स्थापना हरिद्वार जिले में हो क्योंकि ईसीएसआई के अंतर्गत सर्वाधिक कर्मचारी इसी जिले में हैं। अब इसके लिए आवश्यक जमीन उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।ÓÓ हरीश रावत, राज्य मंत्री श्रम एवं रोजगार, भारत सरकार। --- ''केंद्र सरकार ने ईसीएसआई मेडिकल कालेज व हास्पिटल के लिए हरिद्वार को उपयुक्त बताया है, इसलिए प्रदेश सरकार ने यहां 35 एकड़ भूमि की उपलब्धता का प्रस्ताव जिलाधिकारी के माध्यम से केंद्र को भेज दिया है। केंद्र की हरी झंडी मिलते ही राज्य सरकार इस भूमि का अधिग्रहण कर लेगी।ÓÓ प्रकाश पंत, मंत्री श्रम, पेयजल, संसदीय कार्य, उत्तराखंड सरकार।

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