Tuesday 23 March 2010

पिछड़े गांव की भावना बनी टेलीविजन सेलीब्रिटी

- जमुनिया में मुख्य भूमिका निभा रही भावना खत्री है पिथौरागढ़ की बेटी - बचपन से अभिनय की दुनिया में नाम कमाना चाहती थी PAHAR1-: उत्तराखंड के सीमान्त जिले पिथौरागढ़ के सुदूरवर्ती अस्कोट से तीन किमी की पैदल दूरी पर स्थित दयाकोट नाम का छोटा सा गांव। गांव के दक्षिणी छोर पर अलग-थलग पुराना सा एक पहाड़ी मकान, जिसे देखकर कोई नहीं कह सकता कि यहां पर बेहद गरीब परिवार में जन्मा एक व्यक्ति भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर आसीन होगा। और अब उसकी बेटी टेलीविजन जगत की मशहूर सेलिब्रिटी बन गई है। आजकल इमेजिन चैनल पर प्रसारित हो रहे 'जमुनियाÓ धारावाहिक में जमुनिया की मुख्य भूमिका निभा रही भावना खत्री इसी गांव और इसी मकान की वंशज है। आजादी के छह दशक बाद भी लगभग समस्त सुविधाओं से महरूम दयाकोट गांव के स्व.खुशाल सिंह के बड़े पुत्र रुद्र सिंह खत्री 7 आसाम रेजीमेंट में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर कार्यरत हैं। उनकी दो पुत्रियां हैं- बड़ी भावना उर्फ मोना और छोटी मेघा। पिता भावना को गे्रजुएशन के बाद एयर होस्टेस बनाना चाहते थे, जिसके लिये उन्होंने उसे एयर होस्टेस का कोर्स भी कराया। वहींभावना अभिनय की दुनिया में नाम कमाना चाहती थी। मां शकुंतला ने भी बेटी की रुचि को देखते हुए उसे अभिनय के क्षेत्र में आगे बढऩे के लिये प्रोत्साहित किया। कहते हैं कि जहां चाह वहां राह। भावना की मेहनत और लगन का ही नतीजा रहा कि उसे पहले बालाजी टेलीविजन के बैनर तले 'ख्वाहिशेंÓ सीरियल और बाद में 'किस देश में है मेरा दिलÓ और अब इमेजिन चैनल के प्रसिद्ध धारावाहिक 'जमुनियाÓ में अपने अभिनय का जादू बिखरने का मौका मिला है। भावना की इस उपलब्धि से उसके माता-पिता एवं बहन के अलावा गांव के पैतृक मकान में निवास कर रहे उसके चाचा नेत्र सिंह, चाची सावित्री और चचेरी बहन बेहद खुश हैं। इसी के साथ पूरा अस्कोट क्षेत्र भी अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है। सफलता को कर्मों का फल मानती है भावना अस्कोट: जमुनिया यानि भावना खत्री का कहना है कि प्रतिभा सभी के पास होती है, परन्तु उसे दिखाने का अवसर बिरलों को ही मिलता है। अपने को मिले अवसर को वह अपने मां-बाप के अच्छे कर्मों का फल बताती है। दूरभाष पर भावना ने बताया कि उत्तराखंड का पर्यावरण बेहद शुद्ध है। अपने गृह क्षेत्र में नहीं आ पाने का खासा मलाल रहता है। उसने बताया कि वह नवम्बर-दिसम्बर माह में अपने गृह क्षेत्र अस्कोट आएगी।

No comments:

Post a Comment