Thursday 18 February 2010

घिंगरी गांव के डा. सजवान अमेरिका में सम्मानित

पुरस्कृत 22 लोगों में डा. सजवान अकेले भारतीय रानीखेत: रानीखेत के निकटवर्ती देवलीखेत इलाके के गांव घिंगरी निवासी डा. केएस सजवान को पर्यावरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए अमेरिका में सम्मानित किया गया है। पुरस्कृत होने वाले शिक्षा जगत के 22 शिक्षकों की सूची में शामिल डा. सजवान एक मात्र भारतीय हैं। डा. सजवान अमेरिका के जार्जिया की सवाना स्टेट यूनिवर्सिटी में प्राकृतिक विज्ञान एवं गणित विभाग के प्रोफेसर हैं। पर्यावरण के विद्वान शोधकर्ताओं में माने जाने वाले डा. सजवान के अब तक 100 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं। इस क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए अमेरिका में विश्व शिक्षा जगत से 22 शिक्षकों को चयनित किया गया। जिनमें डा. सजवान अकेले भारतीय हैं। उन्हें यह पुरस्कार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दिया। जिसमें पुरस्कार स्वरूप 10 हजार डालर की राशि प्रदान की गई है। डा. सजवान ग्राम घिंगरी देवलीखेत के स्व. धन सिंह सजवान के ज्येष्ठ पुत्र हैं, और उनके छोटे भाई जीएस सजवान वर्तमान में एसएसबी में कार्यरत हैं। डा. सजवान के परम मित्रों में शामिल शोध एवं प्रसार केन्द्र चौबटिया के प्रशासनिक अधिकारी बीएस रौतेला ने बताया कि डा. सजवान की प्रारंभिक शिक्षा देवलीखेत इंटर कालेज में हुई, और रानीखेत मिशन इंटर कालेज से इंटर की शिक्षा पाने के बाद उन्होंने पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय से बीएससी (एजी) व जेएन कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर मध्यप्रदेश से एमएससी (एजी)की उच्च शिक्षा पाई। इसके उपरांत उनकी नियुक्ति केन्द्रीय धान अनुसंधान केन्द्र कटक उड़ीसा में वैज्ञानिक के पद पर हुई। उन्होंने अमेरिका से पीएचडी की मानद उपाधि ली और अमेरिका में ही सेवा शुरू कर दी। जहां उन्होंने कई उच्च पदों पर कार्य किया है। श्री रौतेला ने बताया कि डा. सजवान विश्व बैंक में सलाहकार के पद पर कार्य करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय वैज्ञानिक रहे हैं। उन्होंने बताया कि डा. सजवान को अपने मातृ भूमि से लगाव है तथा समय-समय पर पारिवारिक कार्यक्रमों में आते रहते हैं।

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