Friday 29 January 2010

तो रोल माडल बन सकता है उत्तराखंड

देवभूमि मुस्कान योजना पर तेजी से हो रहा काम केंद्र की टीम लेगी योजना की प्रगति का जायजा देहरादून, राज्य सरकार की कोशिशों पर केंद्र ने मुहर लगा दी तो आने वाले दिनों में सूबे के ही नहीं दूसरे अन्य राज्यों के खनन क्षेत्रों में रह रहे बच्चे शिक्षित होने के साथ-साथ सेहतमंद भी होंगे। जी हां हम बात कर रहें हैं खनन श्रमिकों के स्वास्थ्य पोषण एवं शिक्षा की समुचित सुविधा उपलब्ध कराने वाली देवभूमि मुस्कान योजना की, जिस पर सभी की निगाहें टिकी है। सूबे के ईट भट्टे, कंस्ट्रक्शन साइट और खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक परिवारों के बच्चों की चिंताजनक हालत को सुधारने का दावा तो जाने कई वर्षों से किया जाता रहा पर शुरूआत करीब चार वर्ष पूर्व नैनीताल में शुरू हुई। इसे देवभूमि मुस्कान योजना का नाम दिया गया। इसके तहत स्थापित किए गए 41 केंद्रों पर आंगनबाड़ी के माध्यम से उक्त परिवारों के 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को आठवीं तक की पढ़ाई के साथ उनके बेहतर स्वास्थ्य की व्यवस्था की जानी है। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास,स्वास्थ्य, शिक्षा और वन विभाग के संयुक्त प्रयासों का नतीजा है कि योजना के तहत नैनीताल में पांच व ऊधमसिंह नगर में एक दर्जन केंद्र केंद्र तेजी से काम कर रहें हैं। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास की मानें तो पिछले सप्ताह नंदौर रीवर के किनारे आधा दर्जन ऐसे केंद्रो पर नए सिरे काम शुरू कराया गया जिससे ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को इसका फायदा दिलाया जा सके। सूबे के लिए योजना इसलिए और भी मायने रखती है क्योंकि सरकार का यह प्रयास यदि केंद्र के पैमाने पर खरा उतरा तो योजना देश के दूसरे राज्यों में लागू किया जाएगा। लिहाजा उत्तराखंड दूसरे राज्यों के लिए रोल माडल बन जाएगा। सूत्रों ने बताया कि सूबे की सरकार ने योजना पर तेजी से काम करने के निर्देश सभी विभागों को दिए हैं। मुख्यमंत्री डा.रमेश पोखरियाल निशंक ने भी योजना की प्रगति पर संतोष जताया है। सूत्रों ने बताया कि इस माह के अंत में दो दिवसीय दौरे पर आ रही केंद्र की एक टीम योजना की प्रगति का जायजा लेगी। योजना के तहत किए जा रहे काम के जिस तरह सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं उसे देखकर उम्मीद है कि राज्य सरकार केंद्र के पैमाने पर खरी उतरेगी। सूबे के लिए यह अहम इसलिए भी है कि क्योंकि केंद्र की सहमति के बाद योजना का खर्च केंद्र उठाएगी। याद रहे योजना पर अब तक का सारा खर्च राज्य सरकार ने उठाया है। -

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