Tuesday 17 November 2009
माडल स्टेट
उत्तराखंड के लिए यह गर्व का विषय है कि देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति इसे भविष्य
के माडल स्टेट के तौर पर देख रही हैं। राष्ट्रपति ने यह बात नई दिल्ली में भारत-अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के उद्घाटन के मौके पर कही। इस मेले में उत्तराखंड फोकस स्टेट रखा गया है। इस छोटे व अधिकतर पर्वतीय भू-भाग वाले राज्य में जल विद्युत, पर्यटन, जड़ी-बूटी, औद्यानिकी व वन संपदा से जुड़े क्षेत्रों में विकास की अपार संभावनाएं हैं। अंतरिम सरकार और इसके बाद निर्वाचित सरकारों की ओर से भी कई मौकों पर उत्तराखंड की इन संभावनाओं को जाहिर तो किया गया ही, इनके बूते राज्य को अपने पैरों पर खड़ा कर माडल बनाने पर जोर दिया है। हालांकि, यह भी कड़वा सच है कि उत्तराखंड को अन्य प्रदेशों के साथ प्रतिस्पर्धा में सशक्त व माडल बनाने के लिए उक्त सभी संभावनाओं पर ठोस नीतियां सामने नहीं आ सकी हैं। इसके लिए मजबूत इच्छा शक्ति की जरूरत है। इन सभी क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम शुरू होने पर ही राज्यवासियों के भीतर भी उम्मीद जगेगी। उत्तराखंड राज्य के गठन के पीछे विकास को लेकर यही छटपटाहट मुख्य वजह रही है। यह भी सही है कि तमाम संभावनाओं के बावजूद उत्तराखंड के लिए अपने बलबूते पर ही मजबूत राज्य बनना आसान नहीं है। इसके लिए नियोजित तरीके से केंद्रीय मदद की दरकार है। मौजूदा सरकार विभिन्न मंचों पर इस मुद्दे को उठा भी चुकी है। पर्यावरण, पर्वतीय भू-भाग, वन अधिनियम और दो देशों की सीमा इस प्रदेश के बहुमुखी और सुचारू विकास की आकांक्षा पर अंकुश भी लगा रहे हैं। ये सभी मामले नीतिगत रूप से केंद्र से जुड़े हैं। लिहाजा, केंद्र को भी उत्तराखंड को लेकर अलग नजरिए से सोचने की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में राष्ट्रपति के संबोधन के साथ ही औद्योगिक पैकेज की सीमा बढ़ाने को विचार करने का केंद्रीय उद्योग व वाणिज्य मंत्री का आश्वासन भी राज्य को नई उम्मीद बंधाता है। आशा की जानी चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में फोकस स्टेट उत्तराखंड की विकास की चाहत को केंद्र और राज्य की सरकारें शिद्दत से पूरी करेंगी। राज्य को भी केंद्र से मिलने वाले संसाधनों के समुचित उपयोग और दूरदराज तक उसका फायदा पहुंचाने को कटिबद्ध हो कार्य करना होगा।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment