Tuesday 4 August 2009

ईपीएफ: पहले हाइटेक तकनीक से लैस होंगे राज्य

एसएसएन प्रोजेक्ट ड्राप किया, अब निचले स्तर से कंप्यूटरीकरण योजना पर कार्य हल्द्वानी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अब देशभर में विभिन्न राज्यों के दफ्तरों को सिलसिलेवार हाइटेक करेगा। इसके बाद ही एसएसएन (सोशल सिक्योरिटी नंबर) प्रोजेक्ट पर काम शुरू करेगा। विभाग ने प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए ड्राप कर दिया है। एक वर्ष पूर्व विभाग ने बिजनेस प्रोसेसिंग रि-इंजीनियरिंग (बीपीआर) प्रोजेक्ट के तहत देश भर में अपने सभी दफ्तरों को कंप्यूटर से जोडऩे की योजना बनाई थी। इसके बाद विभाग ने सभी खाता धारकों को एसएसएन देने का निर्णय लिया। देश में एक खाता-धारक का नंबर दूसरे से मेल नहीं खाता। इस दिशा में विभाग काम कर रहा था, जिसका मुख्य सर्वर भी केंद्रीय मुख्यालय में बना लिया गया था। मगर एकाएक विभाग ने अपने इस हाई-फाई प्रोजेक्ट को ड्राप कर दिया है। विभाग ने अब देश के विभिन्न राज्यों में खोले गए दफ्तरों को हाइटेक तकनीक से जोडऩे का निर्णय लिया है, जिसमें प्रत्येक क्षेत्रीय दफ्तर में कंप्यूटर लगाने की प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसे सर्वर से जोड़ा जाएगा। इसके बाद एक दफ्तर को प्रदेश के अन्य दफ्तरों से भी सर्वर के जरिए सम्बद्ध किया जाएगा। यह कार्य जब पूरा हो जाएगा तब राज्य आपस में एक दूसरे से जोड़े जाएंगे। इसके बाद सभी राज्य केंद्रीय मुख्यालय के सर्वर से जोड़े जाएंगे। जब यह कार्य विभाग पूरा कर लेगा, तब खाता धारकों को एसएसएन नंबर एलाट करने की प्रक्रिया तेज होगी। विभाग के आयुक्त, उत्तराखंड जेआर शर्मा ने बताया कि एसएसएन प्रोजेक्ट को विभाग ने इसलिए ड्राप कर दिया है क्यों कि जिस कंपनी से विभाग का करार हुआ था, उससे अब विवाद हो गया है। इसलिए अब निचले स्तर से दफ्तरों को हाइटेक बनाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।

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