Thursday 20 August 2009

=कुंभ में लगेंगे हाई रिजोल्यूशन वीडियो सर्विलांस

-हजारों की भीड़ में भी किसी चेहरे को किया जा सकेगा जूम -चप्पे-चप्पे पर इनके जरिए की जाएगी निगरानी -आतंकी खतरों के मद्देनजर पुलिस कर रही है विशेष सुरक्षा तैयारी देहरादून, महाकुंभ की भीड़ में पुलिस की नजरों से अब कोई भी चेहरा छिपा नहीं रह सकेगा। हाई रिजोल्यूशन वीडियो सर्विलांस के जरिए हर चेहरे पर नजर रखी जा सकेगी। कुंभ क्षेत्र में लगाए जाने वाले इन वीडियो सर्विलांस की खासियत यह होगी कि भीड़ के बीच भी किसी चेहरे को जूम किया जा सकेगा। इनके जरिए किसी आतंकी वारदात को रोकने में मदद तो मिलेगी ही, साथ ही वारदात को अंजाम देने वाले चेहरों को पहचानना भी आसान होगा। उत्तराखंड में अगले साल महाकुंभ का आयोजन होना है। इस महापर्व में देश के तो करोड़ों लोग शामिल होंगे ही, विदेशों से भी लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। इस कारण सुरक्षा चिंताएं भी ज्यादा हैं। उत्तराखंड पुलिस महाकुंभ की सुरक्षा के लिए लगातार आधुनिक उपकरणों के इस्तेमाल के बारे में सोच रही है। इसी क्रम में महाकुंभ में हाई रिजोल्यूशन वीडियो सर्विलांस लगाने की तैयारी की गई है। फिलहाल हरिद्वार के हर की पैड़ी में वीडियो सर्विलांस लगाए गए हैैं। इनके अलावा कुंभ क्षेत्र के सभी एंट्री प्वाइंट्स व महत्वपूर्ण स्थानों पर इन उपकरणों को लगाने की तैयारी की जा रही है। पुलिस सूत्रों की मानें तो इनकी संख्या पचास से ज्यादा है। हाई रिजोल्यूशन वीडियो सर्विलांस की खासियत यह है कि इनके जरिए हजारों लोगों की भीड़ के बीच भी किसी एक चेहरे को इस हद तक जूम किया जा सकता है कि उसे पहचाना जा सके। इससे भीड़ में भी किसी की कोई खतरनाक हरकत छिपी नहीं रहेगी। आमतौर पर वीडियो सर्विलांस या सीसी टीवी कैमरा घटना के बाद छानबीन (पोस्ट इंसीडेंट डिटेक्शन) के काम में आते हैैं। चौबीसों घंटे सक्रिय रहने वाले इन वीडियो सर्विलांस द्वारा रिकार्ड किए गए सारे वीडियो एक खास सर्वर पर रिकार्ड रहेंगे। किसी भी घटना के बाद इन वीडियो को ध्यान से देखकर आतंकी का चेहरा तक पहचाना जा सकता है। वहीं, वीडियो सर्विलांस के जरिए पुलिस कंट्रोल रूम और पुलिस अधिकारी पूरे कुंभ क्षेत्र पर निगाह रखेंगे। ऐसे में किसी खतरनाक गतिविधि को पहले से नोट कर उसे नाकाम किया जा सकता है। डीआईजी आधुनिकीकरण कुमार विश्वजीत के मुताबिक हाई रिजोल्यूशन वीडियो सर्विलांस के जरिए किसी भी चेहरे को फोकस किया जा सकता है। इसी खासियत के जरिए इन दिनों इसका प्रयोग संवेदनशील जगहों पर किया जा रहा है।

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