Monday 3 August 2009

-राखी ने नहीं, खुद हुआ शो से अलग: मनमोहन

-मनमोहन ने दी नसीहत-अपना स्वभाव बदलें -तीर्थनगरी के लोगों पर लगाए गए आरोपों से आहत हैं मनमोहन ऋषिकेश, राखी किसी के साथ भी घर बसाएं मुझो कोई एतराज नहीं, किंतु राखी द्वारा उनके परिवार व तीर्थनगरी के लोगों पर लगाए गए इल्जाम मुझो ताउम्र सालते रहेंगे। यह कहना है 'राखी का स्वयंवर' में टॉप फाइव में पहुंच कर बाहर हुए ऋषिकेश के प्रतियोगी मनमोहन तिवारी का। उनका कहना है कि राखी को बेहतरीन दांपत्य जीवन के लिए अपने जिद्दी व विश्वासहीनता के स्वभाव में बदलाव लाना चाहिए। राखी ने उन्हें शो से बाहर नहीं किया, बल्कि वह खुद ही शो से अलग होना चाहते थे। एनडीटीवी इमेजिन के रियलिटी शो 'राखी का स्वयंवर' में टॉप फाइव तक का सफर तय कर चुके ऋषिकेश के प्रतियोगी मनमोहन तिवारी को स्वयंवर से बाहर होने का कतई इल्म नहीं है। मनमोहन का कहना है कि राखी का स्वभाव बेहद भावुक है, किंतु उसके शकी व अडिय़ल रवैए के कारण वह एक कुशल पत्नी नहीं बन सकती। मनमोहन ने कहा कि राखी इस रियलिटी शो के जरिए जिसे भी अपना जीवनसाथी चुने, वह उनके कामयाब दांपत्य जीवन की कामना करेंगे। राखी का वह बयान उन्हें हमेशा सालता रहेगा, जिसमें राखी ने मनमोहन के परिवार पर उसके आगमन पर आतिथ्य न करने और उसके मित्रों व ऋषिकेश निवासियों पर बेवजह तंग करने का आरोप लगाया। मनमोहन ने आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि तीर्थनगरी ने दिल की गहराइयों से राखी का स्वागत किया और उनके परिवार ने भी आतिथ्य सत्कार में कोई कमी नहीं छोड़ी। पिता ने जरूर राखी से एक वक्त की चाय पिलाने की बात कही थी, मगर उनका उद्देश्य राखी के व्यवसाय को प्रभावित करना नहीं था। मनमोहन ने स्वयंवर से बाहर होने के सवाल पर अपने अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि वह स्वयंवर में कोई लोकप्रियता पाने नहीं, बल्कि राखी को हासिल करने गए थे। राखी ने उनके बीते काल को नकारने का जरिया बना लिया। उन्होंने यह भी कहा कि राखी ने एक हीरा खो दिया। उन्होंने राखी को भविष्य में जीवनसाथी पर विश्वास करने व अपने व्यवहार में बदलाव लाने की नसीहत भी दी। निलेश के गले में वरमाला पडऩे के बाद मनमोहन का कहना था कि निलेश राखी के लिए एक बेहतर वर है। शो के दौरान निलेश के साथ बिताए समय को उन्होंने एक अच्छा समय बताते हुए कहा कि निलेश का व्यवहार सभी प्रतियोगियों के साथ बड़े भाई की तरह था। उन्होंने उनके अच्छे दांपत्य जीवन की कामना की। बाक्स में ..... बेटा नहीं तो क्या हुआ स्वयंवर तो है ऋषिकेश: बेटा भले ही एनडीटीवी इमेजिन के रियलिटी शो राखी का स्वयवंर से बाहर हो गया हो, किंतु शो के प्रति मनमोहन तिवारी के परिजनों का क्रेज समाप्त नहीं हुआ। स्वयंवर के अंतिम दिन भी मनमोहन का परिवार टीवी से चिपका रहा। वह यही जानने की कोशिश करते रहे कि आखिर राखी किसे वरमाला पहनाएंगी। राखी के स्वभाव को लेकर पहले से ही आशंकित रहे मनमोहन के परिजन एक बात को लेकर बेहद व्यथित रहे कि राखी ने उन पर आतिथ्य में कमी करने का आरोप लगाया। हालांकि परिजनों का यह भी कहना था कि राखी का स्वभाव एक बहू जैसा कतई नहीं था। मनमोहन के पिता एसएन तिवारी, माता गायत्री तिवारी, भाई लक्ष्मी नारायण तिवारी व कृष्णा तिवारी स्वयंवर के आखिरी समय तक टीवी के आगे बैठे रहे।

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