Tuesday 7 July 2009

उत्तराखंड की भी है केंद्र पर खास निगाह

प्रदेश का अपना बजट भी प्रभावित होगा केंद्र के फैसलों से केंद्र केबजट पर उ8ाराखंड की भी खास निगाह है। केंद्र से औद्योगिक पैकेज की समय सीमा बढ़ाने की मांग तो सरकार कर ही चुकी है। अवस्थापना विकास और पयर्टन तथा सामाजिक क्षेत्र में राज्य को सहायता की अपेक्षा भी की जा रही है।प्रदेश के सामने वि8ाीय रूप से खासी मुश्किल है। राज्य की आर्थिकी गड़बड़ाई हुई है। विकास योजनाओं के लिए पैसा कम पड़ रहा है। सरकार के कमिटेड प्लान का खर्च बढ़ रहा है। ऐसे में विकास योजनाओं पर भी फर्क पड़ रहा है। इस हिसाब से देखा जाए तो राज्य को छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों को लागू करने के बाद अतिर1ित रूप से बढ़े करीब तीन हजार करोड़ के भरपाई की भी उ6मीद केंद्र से है। इसके अतिरि1त अवस्थापना विकास के क्षेत्र में भी अतिरि1त सहायता की अपेक्षा भी केंद्र से की जा रही है। उपभो1ता राज्य होने के कारण किसी नए टै1स का राज्य में शायद ही स्वागत हो। कने1िटविटी बढ़ाने के लिए सड़कों की सौगात की अपेक्षा भी राज्य को रहेगी ही। इनमें से कितनी अपेक्षाएं पूरी हो पाएंगी यह तो सोमवार को केंद्र के बजट का पिटारा खुलने के बाद ही साफ हो पाएगा। राज्य का बजट सत्र १३ जुलाई से शुरू हो रहा है और केंद्र के बजट का इस पर प्रभाव पडऩा भी तय है। बाह्य सहायतित योजनाओं में इजाफा हुआ तो राज्य सरकार राहत महसूस कर सकती है। कर्मचारियों और नौकरी पेशा वर्ग के लिए महंगाई का मुद्दा अह्म है। कौन-कौन सी उ6मीदें हैं उ8ाराखंड को -विशेष औद्योगिक पैकेज की अवधि बढ़े -अवस्थापना विकास को अतिरि1त सहायता -कने1िटविटी बढ़ाने को सड़क परियोजनाएं -नान प्लान में अतिरि1त सहायता की उ6मीद -बरकरार रहे ९०:१० के अनुपात की योजना -टै1स छूट के दायरे मेंं इजाफा -महंगाई पर नियंत्रण के ठोस उपाय हों -हाइड्रो पावर में केंद्र से अतिरि1त सहायता -सामाजिक क्षेत्र जैसे चिकित्सा, शिक्षा में सहयोग -जीएसटी का रोड मैप पूरी तरह से स्पष्ट हो -पर्यटन के विकास को अलग से योजनाएं 1या मानते हैं विशेषज्ञ -केंद्र से बहुत अधिक उ6मीद करना बेमानी है। मंदी के कारण केंद्र के हाथ भी तंग हैं। ऐसे में राज्यों को अतिरि1त सहायता मिलने की उ6मीद कम है। पर केंद्र के सहयोग से चलने वाली योजनाओं में अगर इजाफा होता है तो राज्यों को इसका फायदा मिलेगा ही। अप्रत्यक्ष लाभ तो मिलेगा ही -केंद्र के बजट से राज्य का सीधा वास्ता नही है। पर इतना है कि बाह्य सहायतित योजनाओं और केंद्र संचालित योजनाओं का फर्क राज्य पर पड़ता है। इन योजनाओं का संचालन राज्य करते हैं। इनमें इजाफा राज्यों की मदद होगी। राज्य को विशेष परियोजनाएं भी मिल सकती हैं। प्रमुख सचिव वि8ा, आलोक कुमार जैन ए1साइज छूट बढ़े -विशेष औद्योगिक पैकेज की सीमा बढऩी चाहिए। नवगठित राज्य को अवस्थापना विकास के लिए अधिक मदद की दरकार है। लघु उद्योगों के लिए ए1साइज में छूट की लिमिट १.५ करोड़ से बढ़कर ५ करोड़ होनी चाहिए। पंकज गुप्ता, अध्यक्ष, इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उ8ाराखंड आयकर छूट में इजाफा हो -छठे वेतन आयोग की संस्तुतियों के लागू होने के बाद से प्रदेश में आयकर की सीमा में वे कर्मचारी भी आ गए हैं जिन्होंंने कभी टै1स फाइल किया ही नहीं। केंद्र को आयकर छूट की सीमा बढ़ानी चाहिए। वरना यह तो एक हाथ से देना और दूसरे हाथ से लेना हो जाएगा। प्रहलाद सिंह, अध्यक्ष, राज्य कर्मचारी संयु1त परिषद महंगाई पर लगे अंकुश -आखिर महंगाई भी थमेगी या नहीं। मंदी के नाम पर खूब हो हल्ला मचा। पर कीमत कम नहीं हुई। रसोई गैस से लेकर आटे दाल तक केभाव आसमान छू रहे हैं। सरकार नया टै1स न लगाए और महंगाई को काबू में करने की कोशिश करे।

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