Tuesday 23 June 2009

- अभिशप्त लैंटाना बन रहा कमाई का जरिया

ऐरोमाथेरैपी में हो रहा है लैंटाना ऑयल का इस्तेमाल कोशिशें रंग लाई तो अमेरिका व यूरोप भी पहुंचेगा उत्तराखंड में 15 हजार से ज्यादा हेक्टेयर क्षेत्र में पैर पसार चुका है लैंटाना उत्तराखंड में चप्पे-चप्पे पर पसर चुकी लैंटाना वनस्पति ने भले ही तमाम मुसीबतें खड़ी कर दी हों, मगर अब यह अभिशाप से वरदान साबित हो सकती है। इसकी पत्तियों से तैयार लैंटाना ऑयल औषधीय गुणों से युक्त है और ऐरोमाथेरैपी में इसका प्रयोग भी होने लगा है। कोशिशें रंग लाईं तो आने वाले दिनों में लैंटाना आयल का राज्य में वृहद पैमाने पर उत्पादन होने के साथ ही यह अमेरिका और यूरोप भी पहुंचेगा। इसके लिए कवायद प्रारंभ हो गई है। देश के अन्य हिस्सों की भांति उत्तराखंड में भी लैंटाना बड़ी समस्या के रूप में उभरी है। शायद ही कोई ऐसा कोना होगा, जहां लैंटाना न पसरी हो। एक अनुमान के मुताबिक राज्य में करीब 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर लैंटाना फैल चुकी है। अपने इर्द-गिर्द किसी अन्य वनस्पति को न पनपने देने के साथ ही यह भूमि की उर्वरा शक्ति भी लील रहा है। पर्वतीय क्षेत्रों में तो यह गुलदार जैसे हिंसक जीवों की शरणस्थली बन चुका है। लैंटाना की गहराती समस्या के मद्देनजर वर्ष 2005 में उत्तराखंड शासन के सगंध पौधा केंद्र सेलाकुई (देहरादून) ने इसकी पत्तियों से तेल निकालने पर कार्य शुरू किया। कोशिशें रंग लाई और अब लैंटाना ऑयल को व्यावसायिक स्वरूप में पेश किया गया है। केंद्र किसानों से 150 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से पत्तियां खरीदता है और फिर इससे ऑयल निकाला जाता है। सगंध पौधा केंद्र के प्रभारी नृपेंद्र चौहान के मुताबिक लैंटाना ऑयल का इस्तेमाल अभी ऐरोमाथरैपी में हो रहा है। मसलपेेन, ज्वाइंट पेन, स्पोंडलाइटिस और साइटिका में इसे अन्य तेलों के साथ मिलाकर लगाया जा रहा है। मसाज करने में भी इसका प्रयोग हो रहा है। श्री चौहान के मुताबिक इस साल 25 किग्रा. तेल का उत्पादन हुआ। वृहद पैमाने पर उत्पादन को ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि राज्य के सोलह आसवन संयंत्रों में लोग इसकी पत्तियां बेच सकें। लैंटाना ऑयल को यूरोप व अमेरिका भेजने को निर्यातक कंपनियों से बातचीत जारी है। अभी लैंटाना ऑयल 11 हजार रुपये प्रति किग्रा के हिसाब से बिक रहा है। उधर, राज्य औषधीय पादप बोर्ड के उपाध्यक्ष डा.आदित्य कुमार का कहना है कि लैंटाना को वरदान बनाने के लिए प्रयास जारी हैं।

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