Sunday 12 April 2009

नई टिहरी गढ़वाल। आजादी से लेकर आज तक जनपद में पहली बार काफी संख्या में उम्रदराज महिलाएं भी परीक्षाओं में बैठ रही है। ऐसी 161 महिलाएं तीसरी, पांचवी व आठवीं की परीक्षाएं दे रही है। महिला समाख्या की पहल पर जनपद में सात परीक्षा केंद्रों में बच्चे ही नहीं बल्कि उम्र दराज महिलाएं परीक्षा दे रही है। महिलाओं में परीक्षा के प्रति ललक को देखकर लग रहा है कि शिक्षा के प्रति महिलाओं का रूझान काफी बढ़ रहा। 161 महिलाओं में से तीसरी में 65, पांचवी में 48 और आठवीं में 48 महिलाएं सम्मिलित हुई। महिला समाख्या ने 234 निरक्षर और पढ़ाई छोड़ चुकी महिलाओं का नामांकन किया। निरक्षर महिलाओं का साक्षरता कैंप लगाया गया और पढ़ाई छोड़ चुकी महिलाओं को ब्रिज कोर्स कराकर पांचवी और आठवीं की परीक्षा के लिए तैयार किया गया। 54 वर्षीय सरस्वती देवी, 45 वर्षीय मीला देवी का कहना है कि यह उनके लिए एक नया अनुभव है। उन्होंने कहा कि सीखने और पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। इस कार्य के लिए महिला समाख्या की पहल की प्रशंसा की। महिला संमाख्या की प्रभारी संदर्भ व्यक्ति सीता डबराल का कहना है महिला समाख्या का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को साक्षर कर उनको शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना है। उनका कहना है कि जब महिलाएं शिक्षित होंगी तभी अपने अधिकारों को जान सकेंगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा के प्रति महिलाओं में काफी उत्साह देखने के मिल रहा है।

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