Tuesday 17 March 2009

गोदगी गाड़ : यहां तपस्या की थी शिव-पार्वती नेपौड़ी।

बाली कण्डारस्यूं के सैंजी में स्थित गोदेश्वर महादेव मंदिर क्षेत्र के हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां आज भी बड़ी सं2या में लोग पापों के निवारण के लिए यहां पहुंचते हैं। मान्यता है क्षेत्र की गोदगी गाड़ नदी में स्नान करने के बाद शिव पार्वती ने यहां तपस्या की थी।लोग बताते हैं कि गोदेश्वर महादेव मंदिर कोठला, सैंजी, उनलखा, बडख़ला चोरिख आदि गांवों का मदिर है। राठ क्षेत्र के ढाईज्यूली, कण्डारस्यूं, बाली कण्डारस्यूं, घुड़दौड़स्यूं और विडोलस्यूं आदि पट्टियों से बड़ी सं2या में लोग यहां गोदेश्वर महादेव के दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। बताते हैं कि मंदिर के समीप स्थित गोदगी गाड़ नदी पूर्व दिशा से बहती है। एक बार इस नदी में स्नान करने के बाद शिव और पार्वती ने नदी के किनारे की गुफा में ध्यान और तपस्या की थी। तब से यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का केंद्र बना है। यहां आने से लोगों को अनेक प्रकार के दुखों और पापों से निवारण मिलता है। मंदिर के प्रचार मंत्री सुरेंद्र नौटियाल कहते हैं कि यहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इस दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।

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