Saturday 14 March 2009

मेडिकल कालेज के भविष्य पर आचार संहिता की तलवार

, हल्द्वानी: उत्तराखंड फारेस्ट हास्पिटल ट्रस्ट मेडिकल कालेज के भविष्य पर आचार संहिता की तलवार लटक गयी है। मार्च के तीसरे सप्ताह तक एमसीआई दौरे की संभावना है। लेकिन फैकल्टी की पूर्ति निर्वाचन आयोग की अनुमति पर ही हो सकेगी। लिहाजा ट्रस्ट प्रशासन के पसीने छूट गये हैं। असमंजस के बीच आयोग से लिखा-पढ़ी शुरू की गयी है। उत्तराखंड फारेस्ट हास्पिटल ट्रस्ट मेडिकल कालेज में एमबीबीएस के पांचवे बैच को एमसीआई की मान्यता मिलनी है। इसके लिये मार्च के अंतिम सप्ताह तक एमसीआई का दौरा तय है। इसी निरीक्षण पर कालेज की पूर्ण मान्यता टिकी हुयी है। इसके लिये कालेज प्रशासन को फैकल्टी पूरी करने में पसीने छूट रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत चिकित्सकों के साक्षात्कार के समय आचार संहिता लगने से हो गयी है। वर्तमान में छह सीनियर रेजिडेंट, पांच जूनियर रेजिडेंट, चार एसोसिएट प्रोफेसर, सात एसिसटेंट प्रोफेसर, दो प्रोफेसरों की और आवश्यकता है। सबसे अधिक दिक्कत फिजियोलॉजी विभाग में प्रोफेसरों का मिलने को है। इस विभाग के एक प्रोफेसर के निधन होने और दूसरे प्रोफेसर के सेवानिवृत होने से दो पद रिक्त हो गये। पिछले दिनों चिकित्सकों के विभिन्न पदों के लिये साक्षात्कार हुये, लेकिन आचार संहिता लगने से परिणाम घोषित करने में संकट उत्पन्न हो गया है। ट्रस्ट प्रशासन ने परिणाम घोषित करने के लिये चुनाव आयोग को पत्र भेजा है। अब ट्रस्ट प्रशासन को आयोग की अनुमति का बेसब्री से इंतजार है। आयोग से अनुमति मिलने के बाद ही फैकल्टी पूरी होने की संभावना रहेगी। कालेज सूत्रों के अनुसार करीब एमसीआई मानक के अनुसार 500 बेड की व्यवस्था पूरी हो चुकी है।

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