Thursday 26 February 2009

गढ़वाली-कुमाऊंनी गीतों पर देर रात तक थिरके दर्शकदेवाल।

25 feb- दो दिवसीय देवाल कौथिग की सांस्कृतिक संध्या मे गढ़वाल एवं कुमाऊं के सांस्कृतिक दलों के कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को देर रात तक थिरकने पर मजबूर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या में गढ़वाल और कुमाऊं के सैकड़ों दर्शकों ने कार्यक्रम का आनंद लिया।महाशिवरात्रि के पर्व पर आयोजित मेले में गढ़वाल- कुमाऊं के हजारों श्रद्धालुओं द्वारा तूनूड़ा और नंदकेशरी के ऐतिहासिक शिव मंदिर में जलाभिषेक किया जाता है। इससे पहले सुबह के वक्त कलश यात्रा निकाली जाती है। सांस्कृतिक संध्या में हिमालय लोक कला केंद्र अल्मोड़ा, रूपकुंड कला मंच व जागर गायिका बसंती बिष्ट ने दर्शकों का भरपुर मनोरंजन किया। रूपकुंड कला मंच ने ...दैणा होया खोली को गणेश, व अल्मोड़ा की टीम ने हुड़की बाजा घमाघम... एगे ऋतु बसंत ने दर्शकों को जमकर झाुमाया। कर्णप्रयाग से आए सुरेंद्र कमांडर की कॉमेडी ने देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा। इस मौके पर रूपकुंड महोत्सव के सचिव हीरा सिंह रूपकुंडी, मेला संयोजक डीडी कुनियाल, जिलाध्यक्ष पंचायत सदस्य लक्ष्मण बिष्ट,जेष्ट प्रमुख मोहन राम, लखन रावत, सुरेश कुनियाल, नंदा देवी, गोबिंद सिंह पांगती, पार्वती गडिय़ा,नंदी कुनियाल ,सुरेंद्र बिष्ट मौजूद थे।

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