Wednesday 18 February 2009

राज्य की आबकारी नीति तैयार

18 feb- , देहरादून राज्य की आबकारी नीति अनुमोदन को कैबिनेट में पेश करने की तैयारी है। आलम यह है कि गोपनीय रखने के नाम पर इस नीति को गोपन विभाग से भी दूर रखा जा रहा है। ऐसे में एक अहम सवाल यह खड़ा हो रहा है कि लागू होने से डेढ़ माह पहले ही उजागर होने के निहितार्थ क्या हैं। पिछले कुछ सालों से देखा जा रहा है कि एक अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू नहीं हो रही है। इन सालों में हर बार नई आबकारी नीति दो माह से भी अधिक देरी से लागू हो सकी। मजेदार बात यह है कि इस बार करीब डेढ़ माह पहले ही नई आबकारी नीति तैयार कर ली गई है। अब इसे कैबिनेट की मंजूरी को पेश किया जाना है। आबकारी नीति पर इतनी जल्दी क्यों, इस सवाल का जवाब देने को कोई तैयार नहीं है। आबकारी मंत्री मदन कौशिक कहते हैं कि कैबिनेट में आने के बाद आबकारी नीति को गोपनीय रखने की आवश्यकता नहीं है। यह नीति अपने निर्धारित समय पहली अप्रैल से लागू कर दी जाएगी। साथ ही वे यह भी कहते हैं कि उन्हें यह पता नहीं है कि बुधवार को होने वाली कैबिनेट में आबकारी नीति लाई जा रही है। आबकारी सचिव रणवीर सिंह कहते हैं कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसे कैबिनेट में पेश करने के संबंध में भी वे कुछ बताने को तैयार नहीं हैं। सूत्रों के अनुसार अब यह मामला 18 फरवरी को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाने वाला है। इस नीति को इस कदर गोपनीय रखा जा रहा कि कैबिनेट के अन्य मामलों की तरह इसे गोपन विभाग को भी नहीं भेजा गया है। अब सवाल यह खड़ा हो रहा है कि एक अप्रैल से लागू होने वाली इस आबकारी नीति के डेढ़ माह पहले ही सार्वजनिक होने के नतीजे क्या होंगे।

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